बेबस माता-पिता की बेटी को बचाने की गुहार काम नहीं आई. देश से बहुत दूर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की जेल में बंद शहजादी खान को फांसी की सजा दे दी गई है. अपनी बेटी को बचाने और उनकी स्थिति जानने के लिए माता-पिता ने पिछले हफ्ते दिल्ली हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी, इस पर जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि शहजादी को पिछले महीने ही फांसी की सजा दे दी गई थी, जबकि 5 मार्च (बुधवार) को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
याचिका पर अपना जवाब देते हुए केंद्र (विदेश मंत्रालय) ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि उत्तर प्रदेश की महिला शहजादी खान को पिछले महीने ही 15 फरवरी को फांसी दे दी गई थी. एएसजी चेतन शर्मा ने कोर्ट को सूचित किया कि अधिकारी हर संभव मदद दे रहे हैं और उनका अंतिम संस्कार 5 मार्च को होना है.
जुलाई, 2023 में शहजादी को सुनाई गई थी मौत की सजा
शहजादी खान को 10 फरवरी, 2023 को अबू धाबी पुलिस को सौंप दिया गया था और उसे 31 जुलाई, 2023 को मौत की सजा सुनाई गई। उसे अल वथबा जेल में रखा गया था। उत्तर प्रदेश के बांदा निवासी शब्बीर खान ने कहा कि उनकी बेटी शहजादी की स्थिति को लेकर ‘‘घोर अनिश्चितता” है और स्थिति जानने के लिए विदेश मंत्रालय को कई बार आवेदन दिया लेकिन सारी कोशिशें बेकार गईं।
शहजादी पर चार माह के बच्चे का था आरोप
14 फरवरी को शहजादी ने जेल से माता पिता से की थी बात
याचिकाकर्ता के वकील ने सुनवाई के दौरान कहा कि उनकी सीमित प्रार्थना यह जानने के लिए है कि क्या उनकी बेटी जीवित है या उसे फांसी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि 14 फरवरी को शहजादी ने जेल से परिवार को फोन करके बताया था कि उसे एक-दो दिन में फांसी दे दी जाएगी और यह उसकी आखिरी कॉल है। उन्होंने बताया कि तब से परिवार को उसकी कोई जानकारी नहीं है। केंद्र का पक्ष रख रहे अधिवक्ता ने अदालत को सूचित किया कि दूतावास के अधिकारी और याचिकाकर्ता संपर्क में हैं और परिवार के सदस्यों के बेटी की अंत्येष्टि में शामिल होने की व्यवस्था की जा रही है।
दबाव में लिया गया कबूलनामाः पिता
हालांकि कुछ महीने बाद 7 दिसंबर 2022 को नवजात को टीका लगाया गया, लेकिन उसी दिन उसकी मौत हो गई. स्थानीय प्रशासन ने पोस्टमॉर्टम कराने की सिफारिश की लेकिन माता-पिता ने इसे खारिज कर दिया और जांच रोकने के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए.
करीब 2 महीने बाद फरवरी 2023 में एक वीडियो सामने आया, जिसमें शहजादी खान को हत्या स्वीकार करते हुए दिखाया गया. हालांकि उनके पिता शब्बीर ने दावा किया कि यह कबूलनामा दबाव में लिया गया था. फिर 10 फरवरी 2023 को शहजादी को पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया और 31 जुलाई 2023 को उसे मौत की सजा सुना दी गई.