जम्मू-कश्मीर व सीमावर्ती राज्यों के नागरिकों को मिले विशेष शस्त्र अधिकार

इंडियन आम्र्स एक्ट में हो सुधार
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में कई निर्दोष लोगों की जान चली गई। जिससे राष्ट्र में आक्रोश का माहौल है। भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता एवं समाजसेवी विकास राजपूत ने इंडियन आम्र्स एक्ट, 1959 में तत्काल सुधार की मांग उठाई है।
उन्होंने वार्ता के दौरान कहा कि देश के सीमावर्ती क्षेत्रों विशेषकर जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान से सटे राज्यों में रहने वाले नागरिकों को आत्मरक्षा के विशेष अधिकार दिए जाने चाहिए। ऐसे नागरिकों को विशेष शर्तों के साथ शस्त्र लाइसेंस प्रदान किए जाएं और उन्हें सीमित अवधि के लिए वैध किया जाए। भारत सरकार को इस विषय पर सुरक्षा विशेषज्ञों और सैन्य रणनीतिकारों की राय लेकर तत्काल प्रभाव से नई नीति पर कार्यवाही करनी चाहिए। राजपूत का मानना है कि आतंकी हमलों के बढ़ते खतरे को देखते हुए केवल सुरक्षा बलों पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है, सीमावर्ती क्षेत्रों के नागरिकों को भी आत्मरक्षा के सक्षम साधन उपलब्ध कराए जाने चाहिए। मौजूदा आम्र्स एक्ट पुराना और जटिल है, जो आम नागरिक की सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरी तरह नहीं समझता। उन्होंने मांग की है कि सरकार को पारदर्शी और सरल प्रक्रिया के तहत लाइसेंस प्रणाली को पुन: संरचित करना चाहिए। हमले में शहीद हुए पर्यटकों की आत्मा की शांति के लिए शोक संवेदना व्यक्त की और सरकार से मांग की है कि आतंकवाद के खिलाफ कठोर से कठोर कार्यवाही की जाये, जिससे कि दोबारा ऐसा करने की हिम्मत न जुटा सके।

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