फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। आर्य समाज कमालगंज द्वारा बेटियों को आत्मनिर्भर व संस्कारवान बनाने हेतु आयोजित एक माह का ग्रीष्मकालीन शिविर धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ। प्रात:काल यज्ञ का आयोजन किया गया। सभी बालिकाओं ने यज्ञ में आहुतियां प्रदान कर ईश्वर का आभार व्यक्त किया। बालिकाओं को प्रशस्ति पत्र व पुरस्कार वितरित किये गए। शिविर के संचालक आचार्य संदीप आर्य ने बताया कि एक माह तक बेटियों को सिलाई, मेहंदी आदि के प्रशिक्षण के साथ-साथ हवन, संध्या व वैदिक संस्कारों की शिक्षा दी गयी। उन्होंने कहा कि कन्या को शास्त्रों में देहरी का दीपक कहा गया है अर्थात ये दोनों कुलों को रोशन करती है। इसलिए इसका शिक्षित, संस्कारित व आत्मनिर्भर होना आवश्यक है। आर्य समाज आरम्भ काल से नारी शिक्षा का पक्षधर रहा है। इसके अनेकों शिक्षण संस्थान नारी शिक्षा के लिए कार्य कर रहे हैं। मुख्य अतिथि कानपुर से आयीं आर्य समाज की सुविख्यात भजनोपदेशिका उर्मिला आर्या ने कहा कि बेटियों को शिक्षित व आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ जागरूक होने की भी आवश्यकता है क्यों कि वर्तमान परिवेश में आज बेटियों की सुरक्षा महत्वपूर्ण विषय है। पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव में पढक़र आज बेटियां संस्कारों से दूर होती जा रही हैं। जिसके कारण आज परिवार टूट रहे हैं। संतोष आर्य ने कहा कि आर्य समाज से जुडक़र ही समाज मे व्याप्त ऊंच नीच, छुआछूत जैसी बुराइयों को दूर किया जा सकता है। रमेश आर्य ने कहा कि आज समाज में जो जातिवाद का जहर घोला जा रहा है वह देश की एकता व अखंडता के लिए हानिकारक है। इसको मिटाने के लिए हमें स्वामी दयानंद के बताए वेद मार्ग पर चलना होगा। उदिता आर्या, स्तुति दुबे, छाया आदि ने भजन सुनाए। आर्य समाज के प्रधान प्रदीप आर्य ने सभी अतिथियों का माल्यार्पण कर व साहित्य भेंट कर आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में संदीप राठौर, हरि सिंह, रामजीत आर्य, विजेंद्र सिंह, वीरपाल यादव, हरिओम शास्त्री, उदयराज, राजीव आर्य, सुमित, शाहिल, उन्नति आर्या, नीलम आया, अनामिका सक्सेना, रेनू आर्या आदि उपस्थित रहे।
ग्रीष्मकालीन शिविर का हुआ समापन, बेटियों को किया गया सम्मानित
