आठवेंं दिन भी जारी रही तीनों तहसीलों में हड़ताल
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। प्रशासनिक उदासीनता तथा जनप्रतिनिधियों की सम्वेदनहीनता के चलते तहसील सदर, अमृतपुर तथा कायमगंज तहसील के अधिवक्ताओं व कातिबों की हड़ताल सोमवार आठवें दिन भी जारी रही। किसी भी तहसील में एक भी बैनामा रजिस्ट्री नहीं हुई, बैनामा कराने आए लोग मायूस होकर लौट गये। स्टाम्प वेण्डरों के हड़ताल में शामिल होने के कारण हलफनामे भी नहीं बने। निबंधन मित्रों की नियुक्तियों के विरोध में मंगलवार आठवें दिन भी अधिवक्ताओं व कातिबों की कलमबंद हड़ताल जारी रही। प्रशासनिक अमले अथवा जनप्रतिनधियोंं ने वकीलों व कातिबों से बात करने तक की जहमत नहीं उठायी। जिससे वकीलों व कातिबों में आक्रोश व्याप्त रहा। तहसील सदर में भीषण गर्मी मेें रजिस्ट्री कार्यालय के सामने अधिवक्ता व कातिब धरने पर बैठे रहे और प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करते रहे। इस बीच सहायक महानिरीक्षक निबंधन राजेश कुमार का एक पत्र वायरल हुआ। जिसमें कहा गया कि निबंधन मित्रों की नियुक्ति करने एवं उनके दस्तावेज पंजीकृत कराने के संबंध में सरकार की कोई योजना नहीं है। जब इस सम्बन्ध में बार एसोसिएशन तहसील सदर के सचिव अतुल मिश्रा से वार्ता की तो उन्होंने कहा कि उन्हें किसी पत्र की जानकारी नहीं है और ना ही उन्हें कोई पत्र रिसीव कराया गया। उन्होंने कहा जिलाधिकारी अथवा उपजिलाधिकारी वकीलों व कातिबों से वार्ता करें और स्थिति स्पष्ट करें, तभी हड़ताल समाप्त करने के सम्बन्ध में विचार किया जाएगा। सचिव ने कहा कि बुधवार को भी हड़ताल जारी रहेगी। मंगलवार को आठवें दिन तहसील सदर के अधिवक्ता, कातिब और स्टाम्प वेण्डर अनशन पर बैठे रहे। अनशनकारियों ने सुन्दरकाण्ड का पाठ श्रवण किया और भगवान हनुमान से सरकार की बुद्धि शुद्धि की प्रार्थना की। वकीलों और कातिबों के बस्तों पर सन्नाटा पसरा रहा और तहसील आने वाले लोग निराश होकर घर लौटे, कोई भी रजिस्टरी नहीं हुई। इस मौके पर अध्यक्ष अतर सिंह कटियार, विकास सक्सेना, ओमप्रकाश दुबे ओमू, विपिन यादव, अनुराग तिवारी, पंकज राजपूत, आशीष राजपूत, राकेश कुमार सक्सेना, आशीष यादव, अंशुमान सिंह, ऋषि श्रीवास्तव, स्वदेश दुबे, अमित सक्सेना, विनोद कुमार सक्सेना, मनोज त्रिवेदी, विशुनदयाल राजपूत, घनश्याम सक्सेना, संजीव भारद्वाज, अरुण कुमार सक्सेना, प्रदीप कुमार सक्सेना सहित तमाम लोग धरने पर बैठे रहे और शासन व प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करते रहे। स्टाम्प वेण्डर ललित तांबा, सौरभ सक्सेना, अरुणेश सक्सेना, राजीव सक्सेना, राजीव सैनी, इन्द्रा अग्रवाल मौजूद रहे।
हड़ताली वकीलों व कातिबों की नहीं ली अधिकारियोंं ने सुधि
