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सरस्वती शिशु मंदिर में धूमधाम से मनाया गया तिलक दिवस

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। सरस्वती शिशु विद्या मंदिर सेनापति में पंडित बाल गंगाधर तिलक का जन्मोत्सव मनाया गया। कार्यक्रम का प्रारम्भ प्रधानाचार्य धर्मवीर सिंह ने दीप प्रज्वलन एवं उनके चित्र पर पुष्पर्चन कर किया। सभी भैया बहनों ने अपने-अपने विचार रखे एवं मुख्य वक्तता कृष्ण कुमार ने भी बाल गंगाधर तिलक के जीवन परिचय पर अपने विचार रखते हुए बताया कि बाल गंगाधर तिलक का जन्म 23 जुलाई 1856 में रत्नागिरी महाराष्ट्र में हुआ था। वह एक विद्वान गणितज्ञ दार्शनिक और उत्साही राष्ट्रवादी थे। जिन्होंने ब्रिटिश शासन के प्रति अपने स्वयं की चुनौती को राष्ट्रीय आंदोलन में बदलकर भारत की स्वतंत्रता की नींव रखने में मदद की और उन्होंने मुख्य पुस्तक गीता रहस्य में भारत की दुर्दशा सुधारने के लिए किए गए प्रयासों का उल्लेख किया। प्रधानाचार्य धर्मवीर सिंह ने बताया कि बाल गंगाधर तिलक को एक महान विचारक थे। जिन्होंने भारत विभिन्न क्षेत्रों से अपने ब्रिटिश शासन काल में उनके द्वारा सार्वजनिक सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिन्होंने बाल गंगाधर तिलक ने महाराष्ट्र में अपने त्योहारों के अपने धर्म के त्योहारों को मनाने के लिए गणेश जी के पर्व मनाने का उन्होंने शुरुआत की। इसीलिए उन्होंने गणेश चतुर्थी उत्सव का जनक भी कहा जाता है। प्रधानचार्य धर्मवीर सिंह ने बताया कि हमें अपने भाभी पीढ़ी को जिंदा रखने के लिए तीन प्रमुख बिंदुओं पर गौर करना चाहिए। नंबर एक अतीत का गौरव जो हमारी संस्कृति है संस्कार है और हमारे देश का इतिहास है इसको जिंदा रखने के लिए हमें अपने विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों से देश में जिनका बलिदान हुआ। वर्तमान की पीढ़ी हमारे देश में जो वर्तमान समय में संस्कृत और संस्कार जो भूल चुके है। उन्होंने अब्दुल कलाम के एक उदाहरण देते हुए बताया कि सपने में होते हैं जो सोने जो सोते हैं। बसें अपने नहीं होते हैं सपने भी होते हैं जो हमें सोने नहीं देते हैं। अगर हम इन तीनों चीजों पर अपने आप को रखेंगे विचार रखेंगे तो हम अपने देश में अपने देश को विश्व गुरु के विश्व गुरु बन जाएगा। जिसकी कल्पना बाल गंगाधर तिलक ने इस देश के लिए की। इस अवसर पर कृष्ण कुमार, प्रदीप कुमार, रामानंद पांडे, वीरेश सिंह, शिवकुमार, रजनीश, आलोक सिंह, बृजपाल सिंह, ब्रिटिका शुक्ला, पल्लवी राजपूत, ऋतिक, नेत्री, प्रदीप शर्मा, शिवमोहन सिंह आदि लोग मौजूद रहे।

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