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यूपी के जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ट्रायल शुरू, इंडिगो का उतरा पहला विमान

उत्तर प्रदेश के जेवर में बन रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विमानों का ट्रायल शुरू हो गया है. आज इंडिगो का पहला विमान उतरा है. विमान का वॉटर कैनन से स्वागत किया गया. पहली लैंडिंग के साथ ही जेवर एयरपोर्ट कॉमर्शियल सेवाओं के लिए तैयार हो गया है. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने सभी सुरक्षा जांच के बाद नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विमान की पहली लैंडिंग की इजाजत दी है. DGCA ने इस एयरपोर्ट का परीक्षण किया था, जिसके बाद हरी झंडी मिलने के बाद आज पहले विमान की लैंडिंग कराई गई. इंडिगो की ये फ्लाइट दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) से उड़ान भरी थी और करीब 10 मिनट में जेवर एयरपोर्ट पहुंच गई.

जेवर एयरपोर्ट पर विमानों के ट्रायल पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है. मैं पूरी टीम को बधाई देता हूं. जेवर एयरपोर्ट देश के सबसे प्रतिष्ठित प्रोजेक्ट में एक है. वैलिडेशन फ्लाइट लैंड हो चुका है. मंत्रालय से जितना सहयोग हो पाएगा हम करेंगे. इस प्रोजेक्ट में किसी तरह का हादसा नहीं हुआ ये अपने आप पर बहुत बड़ी उपलब्धि है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई देश में एयरपोर्ट की संख्या दुगनी से भी ज्यादा हो गई है. यूपी में सबसे ज्यादा एयरपोर्ट अब हो गया है. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शुरू होने के बाद सिर्फ जेवर ही नहीं इस पूरे इलाके में विकास की रफ्तार तेज होगी. एयरपोर्ट की शुरुआत होने से इस इलाके में पड़े पैमाने पर रोजगार के मौके मिलेंगे.

घने कोहरे और अंधेरे में भी होगी आसान लैडिंग
एयरपोर्ट पर 3900 मीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा पहला रनवे बनकर पूरी तरह से तैयार है। रनवे पर मार्किंग और लाइटिंग का कार्य पूरा हो चुका है। इसके अलावा कैट-1 और कैट-3 उपकरण स्थापित हो चुके हैं, जो कोहरे में विमान की ऊंचाई और दृश्यता की जानकारी देते हैं।
एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) को स्थापित किया जा चुका है। नोएडा एयरपोर्ट का पहला चरण 1334 हेक्टेयर में तैयार हो रहा है, इसकी यात्री क्षमता प्रति वर्ष 1.2 करोड़ होगी। लेकिन चार चरणों में इसका विस्तार किया जाएगा। 2050 तक एयरपोर्ट पूरी तरह संचालित होने पर हर साल सात करोड़ यात्रियों की आवाजाही क्षमता को पूरा करेगा।
एयरपोर्ट की उपलब्धियों पर एक नजर
– आईएलएस कैलिब्रेशन का कार्य 10 से 14 अक्तूबर तक हो चुका है।
– कैलिब्रेशन का सर्टिफिकेट भी यापल को प्राप्त हो चुका है।
– फ्लाइट ट्रालय का अप्रूवल डीजीसीए से प्राप्त हो चुका है।
– 9 दिसंबर को रनवे पर ट्रायल रन किया गया।
– एयरोड्रोम लाइसेंस के लिए आवेदन इसी माह में होगा।
– एआईपी पब्लिकेशन 6 फरवरी को होगा।
– छह फरवरी के बाद फ्लाइट के लिए टिकट बुकिंग सेवा शुरू हो जाएगी।
– 17 अप्रैल तक एयरपोर्ट से कामर्शियल फ्लाइट शुरू हो जाएगी।

लैंड करने वाली फ्लाइट में यात्री नहीं थे

जेवर एयरपोर्ट पर लैंडिंग से पहले विमान के पायलट और ATC के बीच बारीकी से ध्यान रखा गया. सभी तरह की सुरक्षा जांच के बाद हरी झंडी मिलने के बाद विमान रनवे पर लैंड किया. आज का ट्रायल सफल होने पर अप्रैल से जेवर एयरपोर्ट को कॉमर्शियल उड़ानों के लिए खोल दिया जाएगा. आज लैंडिंग करने वाली फ्लाइट में कोई यात्री नहीं थे. विमान में सिर्फ चालक दल के सदस्य ही थे.

जेवर एयरपोर्ट का रनवे करीब 3.9 km लंबा

जेवर एयरपोर्ट के रनवे को काफी खास तरह से बनाया गया है. रनवे को स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख एयरपोर्ट अथॉरिटी के सहयोग से बनाया गया है. जेवर एयरपोर्ट का रनवे करीब 3.9 किलोमीटर लंबा है. इसे 10 से 28 तक की संख्या दी गई है. एयरपोर्ट के सीईओ क्रिस्टोफ स्नेलमैन का कहना है कि आज का ट्रायल सफल रहता है तो फिर किसी और वैलिडेशन की जरूरत नहीं होगी.

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