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12-15 साल पुराने प्लेन से हवाई यात्रा करवा रही हैं कंपनियां: विकास राजपूत

डीजीसीए की अनुमति पर भाजपा नेता ने उठाये सवाल
टेक्नोलॉजी बदल गई, लेकिन विमान वही पुराने डीजीसी को नियमों में तुरंत बदलाव करना चाहिए
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। एयर इंडिया की अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट में आई तकनीकी खराबी के कारण विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने पर गहरा दुख जताते हुए भाजपा नेता विकास राजपूत ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए नागर विमानन महानिदेशालय डीजीसी और देश की प्रमुख एयरलाइन कंपनियों की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल उठाया है।
राजपूत ने कहा डीजीसीए की ढिलाई और लचर नियमों के चलते देश के आम नागरिकों की जान खतरे में है। टेक्नोलॉजी बदल चुकी है, लेकिन हमारे देश में अभी भी 15-17 साल पुराने बोइंग 777/787, एयरबस ए320, ए323 जैसे विमान उड़ान भर रहे हैं। यह न केवल गैरजिम्मेदाराना है बल्कि पूर्णत: अवैध और बेहद खतरनाक है।
उन्होंने कहा कि इस हादसे में जिस विमान का उपयोग हुआ, वह पुराने विमानों की श्रेणी में आता है। संभव है कि तकनीकी खराबी उसकी उम्रदराज मशीनरी और ओवरएज सिस्टम के कारण उत्पन्न हुई हो। उन्होंने सरकार और डीजीसीए को लेकर कई तीखे सवाल उठाए और दिए कुछ ठोस सुझाव-10 वर्ष से अधिक पुराने विमानों को तत्काल प्रभाव से उड़ान की अनुमति रद्द की जाए। 7 वर्ष से अधिक पुराने विमानों की दोहरी सुरक्षा जांच अनिवार्य की जाए, जिसमें डीजीसीए के साथ-साथ एक स्वतंत्र निजी एजेंसी की रिपोर्ट भी जरूरी हो। डीजीसीए की निरीक्षण टीम के प्रमुख और संबंधित इंजीनियर को निलंबित किया जाए, जब तक जवाबदेही तय न हो। उन्होंने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वयं इस मुद्दे पर संज्ञान लेना चाहिए। जब देश डिजिटल इंडिया और विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है, तो यह स्वीकार्य नहीं कि आम नागरिकों को उन पुराने विमानों में बैठाया जाए जो अब माल ढोने लायक भी नहीं बचे हैं। यह अत्यंत दुखद और निंदनीय है।
एयरलाइंस पर भी साधा निशाना
उन्होंने कहा कि आए दिन देश की प्रमुख एयरलाइंस के विमान कभी ऑक्सीजन की कमी, कभी इंजन फेल, एयरकंडीशनर (ऐसी) फेल तो कभी अन्य तकनीकी खामियों के चलते यात्रियों द्वारा बनाई गई वीडियो को देखा जाता हैं। जबकि यात्रियों से मनमाना किराया वसूला जाता है, उन्हें वह सुविधा नहीं मिल रही जिसकी उन्हें जरूरत है। एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइसजेट हो या अन्य निजी एयरलाइंसए वे किराया तो वसूल रही हैं, लेकिन यात्रियों को सुरक्षा नहीं दे पा रही हैं। करोड़ों रुपये के इन पुराने विमानों को बंद करने से कंपनियों को घाटा होगा, इसीलिए डीजीसीए में नियमों को बदलने की इच्छाशक्ति नहीं दिखाई दे रही है।
उन्होंने आगे कहा आज अगर सडक़ पर चलने वाली गाड़ी को भी बीमा कंपनियां 5 साल बाद जीरो डेप कवर देना बंद कर देती हैं, तो ऐसे में एक विमान जो हजारों फीट ऊपर उड़ता है और हजारों नागरिकों की जान लिए होता है, उसके लिए कोई आयु सीमा तय न करना सरासर सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने ने कहा हम आर्थिक क्रांति की ओर बढ़ रहे हैं लेकिन विमानन क्षेत्र में सुरक्षा क्रांति की बेहद आवश्यकता है। जब तक डीजीसीए के नियमों में कठोर बदलाव नहीं होंगे, तब तक हवाई यात्रा आम नागरिकों के लिए एक डरावना सपना बनी रहेगी। मैं सरकार से अपील करता हूं कि जल्द से जल्द नए सुरक्षा नियम लागू कर पुराने विमानों को सेवा से बाहर किया जाए।

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