बेटा-बेटी ने उनको घर से निकाल दिया था
वाराणसी: वाराणसी के वरिष्ठ साहित्यकार श्रीनाथ खंडेलवाल का निधन हो गया, शनिवार को उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा. 80 करोड़ की प्रॉपर्टी होने के बाद भी उनका अंतिम समय संघर्षपूर्ण बीता. बेटे-बेटी की बेरुखी ने उनको अंतिम समय में वृद्धाश्रम में बिताने पर मजबूर कर दिया. 82 वर्ष की आयु वाले वरिष्ठ साहित्यकार श्रीनाथ खंडेलवाल मार्च 2024 से वृद्धाश्रम में रहने लगे थे. साहित्यकार ने अपने जीवन में करीब 400 किताबें लिखीं. जिसमें पुराणों का अनुवाद से लेकर धार्मिक ग्रंथ प्रमुख रूप से प्रसिद्ध है. श्रीनाथ खंडेलवाल मार्च 2024 से काशी कुष्ठ सेवा संघ वृद्धाश्रम में रहते हुए उनका एक वीडियो कुछ माह पहले ही वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने अपनी पारिवारिक हालात के बारे में बताया था. एक इंटरव्यू में श्रीनाथ खंडेलवाल ने बताया था कि बेटा-बेटी ने उनको घर से निकाल दिया. इतना ही नहीं 80 करोड़ की संपत्ति से उनको बाहर कर कर दिया. हार्ट, किडनी, लीवर से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए श्रीनाथ खंडेलवाल पिछले दस दिनों से अस्तपताल में भर्ती करवाये गए थे. आखिर में खंडेलवाल की शनिवार को मौत हो गई जिसके बाद उनके बेटे को फोन लगाया तो उसने बनारस से बाहर होने के बारे में बताया और बेटी ने फोन तक नहीं उठाया जिसके बाद उनको खंडेलवाल के निधन की सूचना मैसेज कर दी गई. इसके बाद श्रीनाथ खंडेलवाल के शव को काशी के मर्णिकर्णिका घाट पर ले जाया गया और पूरे विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया और पिंडदान भी किया.