नासिक में पहली बार स्वदेशी तेजस MK-1A लड़ाकू विमान ने भरी उड़ान

समृद्धि न्यूज। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले 10-12 सालों में जिस रफ्तार से भारत ने रक्षा और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल की है, वह वाकई अद्भुत है। नासिक स्थित एचएएल की एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग डिविजन में हर साल आठ लड़ाकू विमानों का निर्माण करने की क्षमता है। इसके अलावा बंगलूरू में तेजस की दो प्रोडक्शन लाइन स्थित हैं, जहां हर साल 16 लड़ाकू विमान बनाए जा रहे हैं। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स के नासिक स्थित नए उत्पादन केंद्र से तेजस एलसीए एमके-1ए लड़ाकू विमान का उद्घाटन किया। रक्षा मंत्री ने एलसीए एमके-1ए की तीसरी उत्पादन लाइन और एचटीटी-40 विमान की दूसरी उत्पादन लाइन का भी उद्घाटन किया। नासिक से आज पहली बार तेजस एमके-1ए ने उड़ान भरी है। इस उत्पादन से भारतीय वायुसेना की समग्र शक्ति और क्षमता में वृद्धि होगी। राजनाथ सिंह आज इन लड़ाकू विमानों की पहली उड़ान के गवाह बने। उन्होंने कहा कि आज उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया है।

एलसीए एमके-1ए एक अधिक उन्नत लड़ाकू विमान है जिसे भारतीय वायु सेना के मिग-21 विमानों की जगह लेने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह विमान तेजस का उन्नत संस्करण है, जिसमें बेहतर लड़ाकू एवियोनिक्स और हवा से हवा में ईंधन भरने की क्षमता सहित कई महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं। यह विमान नई पीढ़ी का बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान है जो हवाई रक्षा, ज़मीनी हमले और समुद्री हमले के अभियानों में सक्षम है। इसमें 64 प्रतिशत से ज़्यादा स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा आज एचएएल की तीसरी उत्पादन लाइन का उद्घाटन हो रहा है, जो एलसीए एमके-1ए तेजस बनाती है और एचटीटी 40 विमान की दूसरी उत्पादन लाइन है। मैं एचएएल में सभी को बधाई देता हूं। नासिक एक ऐतिहासिक भूमि है जहां भगवान शिव त्र्यंबक के रूप में निवास करते हैं।

नासिक आस्थाए भक्तिए आत्मनिर्भरता और क्षमता का प्रतीक बन गया है। यहां एचएएल देश की रक्षा ताकत का प्रतिनिधित्व करता है। जब मैंने आज सुखोइ एसयू-30, एलसीए तेजस और एचटीटी-40 को उड़ान भरते देखा, तो मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया। ये उड़ान, रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की मिसाल है। एचएएल ने भारत के लिए एक मजबूत स्तंभ के रूप में काम किया है। 60 से अधिक वर्षों से एचएएल नासिक ने भारत की रक्षा निर्माण क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है दूसरी ओर, यह विनाश का भी प्रतिनिधित्व करता है और इसमें शत्रुओं को समाप्त करने की शक्ति होती है।

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