छापामारी कर ऐसे दुकानदारों पर की जाये सख्ती
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। होली पर्व को देखते हुए छापेमारी के बावजूद भी मिलावट खोर सक्रिय है। दूध, पनीर, खोया, मिठाई आदि में मिलावट कर अधिकांश दुकानदार सामग्री बेंच रहे है। होली पर गुजिया का महत्व होता है। ऐसे में हर घर में गुजिया बनती है। खोया बाजार चौक पर आढ़ती व खोया व्यापारी मिलावट वाला खोया बेंचकर लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे है। 80 रुपये से 150 रुपये में तैयार होने वाला मिलावटी खोया बाजार में 300 व 320 रुपये किलों में बेंचा जा रहा है। मिलावटखोर अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे है। छापेमारी खाद्य विभाग द्वारा की तो जा रही है, लेकिन गलत सामग्री बेंचने वालों पर इसका कोई असर दिखायी नहीं दे रहा है। गांव से लेकर शहर तक मिलावटी खोया लोगों की जिंदगी में मिठास के साथ-साथ जहर घोल रहा है। लोग खोया व पनीर से होली पर विभिन्न तरीके से लजीज व्यंजन बनाते है। ऐसे में मिलावट वाला खोया खाकर सेहत तो खराब होगी और उससे ज्यादा पैसा दवाई में चला जाता है। तेल के अलावा मिठाईया, खोया, पनीर व केमिकल युक्त कलर वाली सेव पापड़, कचरी जहर से कम नहीं है। कई दुकानदारों का सैम्पल भी लिया गया और जुर्माना लगाया गया, उसके बावजूद भी वह मिलावट करने से बाज नहीं आ रहे है। खोया के अलावा घी, तेल भी शुद्ध नहीं मिल रहा है। इस तरीके की खाद्य सामग्री खाने से विभिन्न बीमारियां शरीर में लोगों के लग रही है। कुछ दुकानदारों ने इस बार पैकिंग वाला भी खोया व पनीर मंगवाया है। ऐसे में मिलावट खोरों के ऊपर सख्त शिकंजा कसा जाये और बड़ा जुर्माना लगे, तभी इन लोगों से निजात मिल पायेगी। नाम न छापने की शर्त पर एक खोया आढ़ती ने बताया कि बाजार में आने वाला खोया कभी शुद्ध नहीं होता है। जैसे-जैसे त्यौहार आते है तो मिलावट की मात्रा अधिक हो जाती है। हमारा काम जो लोग अपना माल लाते है उसे बिकवाने का है उस पर हमें कमीशन मिलता है। बेंचने वाले लोग ही अगर सही चीज लाये तो हम लोगों को बेंचने में क्या दिक्कत है। त्यौहार पर मांग अधिक होने के चलते मिलावट की मात्रा कई गुना अधिक बढ़ जाती है। बाजार में मिलने वाला खोया पूरी तरह से शुद्ध नहीं होता है।
बाजार में खुलेआम बिक रहा है मिलावटी खोया, स्वास्थ्य को है खतरा
