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PM आवास योजना की पहली किस्त मिलते ही 11 महिलाएं पति को छोड़ प्रेमी संग हुईं फरार

यूपी के महराजगंज जिले में 11 महिलाओं ने कथित तौर पर प्रधानमंत्री आवास योजना की पहली किस्त 40,000 मिलने के बाद अपने पतियों को छोड़ दिया और अपने प्रेमियों के साथ भाग गईं। यह दावा किया गया कि इस घटना के बाद अधिकारियों ने लाभार्थियों को दूसरी किस्त का भुगतान रोकने का फैसला किया है। बता दें पीएमएवाई योजना के तहत सरकार 2.5 लाख की सब्सिडी देती है।

महाराजगंज के निचलौल ब्लॉक क्षेत्र के एक गांव से अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। मकान बनने से पहले ही 11 लोगों की गृहस्थी ही उजड़ गई। प्रधानमंत्री आवास की पहली किश्त मिलते ही 11 महिलाएं पति को छोड़कर प्रेमी संग फुर्र हो गईं। महिलाओं को 40 हजार की पहली किस्त मिली थी। पीड़ितों ने विभाग के जिम्मेदारों से शिकायत कर दूसरी किश्त न भेजने की गुहार लगाई है। विभाग ने रकम वसूली के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। सरकार ने आवासहीन लोगों के लिए पक्का मकान बनाने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना शुरू की है।  ब्लॉक क्षेत्र के कुल 108 गांवों में वर्ष 2023-24 में 2350 लाभार्थियों का चयन हुआ था। इसमें से लगभग दो हजार से अधिक लाभार्थियों का आवास पूरा भी हो चुका है। इस योजना में महिलाएं भी लाभार्थी हैं। इसी के तहत ब्लॉक क्षेत्र के किशुनपुर, शीतलापुर, मेघौली, बकुलडीहा, रामनगर, ठूठीबारी, शीतलापुर खेसरहा, चटिया, बलहिखोर की 11 महिला लाभार्थियों के खाते में भी आवास की पहली किश्त भेजी गई थी। किश्त मिलते महिलाएं अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई हैं। वहीं इन महिलाओं के पति अब तनाव में हैं। किश्त लेकर भागी महिलाओं के पति ने अधिकारियों से पत्नी के खाते में दूसरी किश्त न भेजने की गुहार लगाई है। पति को इस बात का डर सता रहा है कि किश्त की रकम वसूलने का नोटिस कहीं उनके नाम न जारी हो जाए।  पूरा मामला उजागर होने के बाद विभाग सख्त हो गया है। खंड विकास अधिकारी शमा सिंह ने बताया कि इन महिला लाभार्थियों को चिह्नित कर उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजा जा चुका है। उच्चाधिकारियों से निर्देश मिलने के बाद मामले में आगे की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। जानकारी के मुताबिक, यह खुलासा वर्ष 2023-24 की योजना की समीक्षा करने ब्लाक में पहुंचे डीआरडीए के परियोजना निदेशक की बैठक में हुआ. बैठक के बाद जारी रिपोर्ट के आधार पर इन सभी लोगों की तलाश करने और इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए. परियोजना निदेशक रामदरश चौधरी ने दो दिन पहले ही निचलौल ब्लॉक में सचिवों के साथ मीटिंग कर योजना की समीक्षा की थी. इस समीक्षा मीटिंग के दौरान पता चला कि पहली किश्त पाने के बाद कुछ लाभार्थी लापता हो गए हैं.

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