फर्रुखाबाद/शमशाबाद, समृद्धि न्यूज। शासन जहां एक ओर सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराने पर जोर दे रहा है। साथ ही प्रसूता व आशाओं को प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है, इसके बाद भी मोटे कमीशन के चक्कर में आशायें प्राइवेट क्लीनिकों पर प्रसव करवा रही हैं। शमशाबाद में एक क्लीनिक पर ऐसा ही नजारा देखने को मिला।
जानकारी के अनुसार गुरुवार को ग्राम पंचायत शरीफपुर छिछनी के मजरा जैतपुर निवासी संतोष अपनी पत्नी पूनम को प्रसव के लिए आशा सदावती के साथ सीएचसी शमशाबाद में दिनाक 29 मई को रात के करीब 9 बजे लाया था। रात गुजरने के बाद ३० मई को सुबह करीब 6 बजे आशा की सहमति से थाना शमसाबाद के निकट एक प्राइवेट क्लीनिक पर ले जाया गया। जहां दिन के 11 बजकर 53 मिनट पर पूनम ने पुत्री को जन्म दिया। महिला डाक्टर ने 10,000/- हजार रूपए लिए और प्राइवेट क्लीनिक संचालिका महिला डाक्टर ने प्रसव के 4 घंटे के बाद समय 3 बजकर 26 मिनट पर छुट्टी कर दी। पूनम प्रसव के बाद ठीक से चल भी नहीं पा रही थी। दवा तक नही दी गयी। महिला की छुट्टी के बाद आशा सदावती तुरंत प्राइवेट क्लीनिक संचालिक महिला डाक्टर के पास पहुंची। इसके बाद परिवार के सदस्यों से मिली। इससे पहले पूनम प्राइवेट वाहन में बैठकर परिवार के सदस्यों के साथ घर जा चुकी थी। वहीं सीएचसी अधीक्षक सरवर इकबाल से जब हमारे संवाददाता ने बात करनी चाही, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।