भारत और चीन के बीच हो गया बड़ा समझौता, LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर सहमति

चीन से सीमा विवाद पर विदेश मंत्रालय ने बड़ी जानकारी दी है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बड़ी जानकारी दी है. उन्होंने बताया है कि भारत और चीन के वार्ताकार पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद के मुद्दे पर पिछले कुछ सप्ताह से संपर्क में हैं. भारत-चीन के बीच एलएसी पर गश्त को लेकर सहमति बनी है. चीन के साथ कई मुद्दों पर समाधान हुआ है. गश्त पर सहमति के बाद दोनों देशों के बीच तनाव कम हुआ है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि एलएसी पर अलग-अलग प्वाइंट्स पर गश्त की व्यवस्था की गई है. इससे सैनिकों की वापसी हुई है. चीन के साथ मौजूद कई मुद्दों का समाधान भी हुआ है. इसके साथ ही उन्होंने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को लेकर भी जानकारी दी. मिस्त्री ने कहा कि इसमें संस्थापक सदस्यों के साथ-साथ नए सदस्य भी शामिल होंगे. भारत-चीन सीमा तनाव पर समझौते की यह खबर ऐसे समय आई है जब इस हफ्ते रूस के कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक साथ होंगे। दोनों नेताओं की बीच मुलाकात की अटकलें भी लगाई जा रही थीं। विदेश सचिव ने ब्रिक्स शिखर बैठक के हाशिए पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात की पुष्टि तो नहीं की लेकिन इस संभावना को खारिज भी नहीं किया।  सैन्य टकराव और तनाव के कारण गश्त कहां तक हो इसको लेकर ही दोनों पक्षों के बीच असहमति के गहरे मतभेद थे। लगातार भारत की जमीन पर अपना कब्जा बढ़ाने की जुगत में लगे चीन की नीयत को लेकर भी सवाल थे। ऐसे में भारत ने सैन्य पैंतरों का उसी भाषा में जवाब देने के साथ ही चीन को समझौते की मेज पर रजामंदी की दस्तखत करने की नौबत तक ला ही दिया।

शिखर सम्मेलन में दो मुख्य सत्र होंगे

शिखर सम्मेलन 22 अक्टूबर को शुरू होगा. पहले दिन नेताओं के लिए रात्रिभोज होगा. शिखर सम्मेलन का मुख्य दिन 23 अक्टूबर है. इसमें दो मुख्य सत्र होंगे. सुबह के सत्र के बाद दोपहर में शिखर सम्मेलन के मुख्य विषय पर ओपन सत्र होगा. नेताओं से कजान घोषणा को अपनाने की भी उम्मीद है, जो ब्रिक्स के लिए आगे का रास्ता तैयार करेगी. शिखर सम्मेलन 24 अक्टूबर को समाप्त होगा.

तनाव कम होने की संभावना

बीते कुछ समय से पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन दोनों की तरफ से एलएसी पर भारी संख्या में सेना की तैनाती की गई थी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा है कि हाल में हुए समझौते से दोनों देशों के बीच डिस-इंगेजमेंट हो रहा है और अंततः उन मुद्दों का समाधान हो रहा है जो इन क्षेत्रों में साल 2020 में पैदा हुए थे। आपको बता दें कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच साल 2020 में लद्दाख के गलवान में बड़ी झड़प हुई थी। इसमें दोनों देशों की सेनाओं को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था।

रूस में आमने-सामने होंगे पीएम मोदी और जिनपिंग

भारत और चीन के बीच इस सफल समझौते की घोषणा पीएम मोदी के ब्रिक्स सम्मेलन में जाने से ठीक पहले हुई है। इस साल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन रूस के कजान में होने जा रहा है।  इस सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी हिस्सा लेंगे। दोनों देशों के नेता रूस में आमने-सामने होंगे। हालांकि, अब तक दोनों नेताओं के बीच किसी बैठक को लेकर अपडेट सामने नहीं आया है।

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