हमास ने 3 बंधकों को किया रिहा, बदले में इजरायल को 90 कैदियों को छोड़ना पड़ा: डील की गणित इजरायल और हमास के बीच युद्ध विराम समझौता परवान चढ़ने लगा है। हमास ने तीन बंधकों को रिहा किया तो बदले में इजरायल ने भी 90 फलस्तीनियों को अपनी जेल से आजाद कर दिया है।
गाजा में हमास की कैद से रिहा हुए तीन इजराइली बंधकों की घर वापसी के कुछ घंटों बाद इजराइल ने सोमवार तड़के 90 फिलिस्तीनी बंदियों को रिहा कर दिया. बंदियों को ले जाने वाली बड़ी सफेद बसें वेस्ट बैंक के रामल्लाह शहर के ठीक बाहर इजराइल की ओफर जेल से बाहर निकलीं, जिसके बाद आतिशबाजी शुरू हो गई. फिलिस्तीनियों की भीड़ नारे लगाते हुए बसों में उमड़ पड़ी. फिलिस्तीनी प्राधिकरण के कैदी मामलों के आयोग की लिस्ट के अनुसार, रिहा किए गए सभी लोग महिलाएं या नाबालिग थे.इजराइल ने लिस्ट में शामिल सभी लोगों को देश की सुरक्षा से संबंधित अपराध, पत्थर फेंकने से लेकर हत्या के प्रयास जैसे अधिक गंभीर आरोपों के लिए हिरासत में लिया था. वेस्ट बैंक पर कब्जा करने वाली इजराइली सेना ने फिलिस्तीनियों को किसी भी प्रकार के सार्वजनिक उत्सव के खिलाफ बार-बार चेतावनी दी है.
माहौल खराब करने का आरोप
रिहाई आधी रात को हुई, जिसकी फिलीस्तीनियों ने माहौल खराब करने और भीड़ को कैदियों का घर पर स्वागत करने से रोकने के प्रयास के रूप में आलोचना की. रिहा होने वाले बंदियों में सबसे प्रमुख 62 वर्षीय खालिदा जर्रार हैं, जो पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फिलिस्तीन या पीएफएलपी की एक प्रमुख सदस्य हैं. यह एक धर्मनिरपेक्ष वामपंथी गुट है, जो 1970 के दशक में इजराइल के खिलाफ अपहरण और अन्य हमलों में शामिल था.
घर वालों के छलके आंसू
हमास की ओर से 471 दिनों तक बंधक बनाए रखी गईं तीन महिलाएं जब छूटकर अपने घर पहुंचीं तो घरवालों के आंसू छलक पड़े। रिहा होने वालीं तीन इस्राइली महिलाओं में एक बेटी भी है, जिसे नृत्य करने में सबसे ज्यादा खुशी होती है। 24 साल की रोमी गोनेन की यही खुशी 7 अक्तूबर, 2023 को गम और खौफ में बदल गई। वह इस खौफनाक दिन हमास के हमले के दौरान नोवा उत्सव से भागने के दौरान बंधक बना ली गई थीं।इस्राइल-हमास समझौते के बाद रोमी गोनेन के साथ ही ब्रिटिश-इस्राइली दोहरी राष्ट्रीयता रखने वाली 28 वर्षीय एमिली दामारी और 31 साल की पशु चिकित्सा नर्स डोरोन स्टीनब्रेच भी रिहा हुई हैं। एमिली दामारी को हमास ने किबुत्ज केफर अजा से बंधक बनाया था। रविवार को जब उनकी रिहाई हुई,तो परिवार के एक करीबी सूत्र ने कहा कि उनके लिए 471 दिन बहुत कष्टदायक रहे, पर उससे भी अधिक उनकी रिहाई के 24 घंटे का इंतजार कष्टदायक रहा। घर पहुंचने पर एमिली को गले लगाकर उनकी मांं मैंडी रो पड़ीं। उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि बेटी घर आ गई है।
खिलखिलाती मुस्कानों वाली रोमी से गुलजार हुआ घर
रोमी इस्राइल के उत्तर में केफर वेराडिम में अपने घर से नोवा उत्सव में शामिल होने गई थीं। उसके परिवार ने कहा कि वह वहां वह करने गई थी जो उसे पसंद था, नृत्य करना। उसने 12 साल नृत्य सीखा और कोरियोग्राफर बन गई। हमास के हमलों के दौरान सायरन बजने पर रोमी ने अपने परिवार को फोन किया था। उनकी मां ने बेटी के साथ उस आखिरी कॉल में गोलियों की आवाज के साथ ही अरबी में चिल्लाने की आवाजें सुनी थीं। बीते नवंबर में पोस्ट एक वीडियो में उसे खिलखिलाती मुस्कानों, चमकदार रोशनी व सबसे अच्छी दोस्त लड़की कहा गया था। अब रोमी के लौटने से एक बार फिर उसका घर गुलजार हो गया है।