खाद व कीटनाशक के लिए दर-दर भटक रहा अन्नदाता
नवाबगंज, समृद्धि न्यूज। सरकार के फरमान से आहत फुटकर खाद विक्रेताओं पांच दिवसीय हड़ताल शुरु कर दी है। हड़ताल से अन्नदाता खासे परेशान हैं। वह खाद, बीज और कीटनाशक के लिए भटक रहे हैं।
जानकारी के अनुसार कस्बा नवाबगंज तथा आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में खाद तथा कीटनाशक विक्रेताओं ने सरकार के फरमान को सुनकर 5 दिन की हड़ताल शुरु कर दी है। कस्बे के एक गेस्ट हाउस में सभी उर्वरक विक्रेता एकत्र होकर तीन दिन से चल रही हड़ताल को मांगें ना माने जाने पर और आगे बढऩे का निर्णय लिया है। उर्वरक विक्रेताओं ने बताया कि ट्रेकिंग तथा ओवरराइटिंग के चलते यह निर्णय लिया गया है। जिसमें सरकारी फरमान के मुताबिक 266 रुपया 50 पैसा में यूरिया की बोरी बिक्री करने की बात कही गई है, जबकि पहले वहीं यूरिया की बोरी 50 किलो की आती थी, लेकिन बीते दो साल पहले वही यूरिया की बोरी 45 किलो की आने लगी थी, लेकिन अब यूरिया की बोरी 40 किलो की आने लगी है। किसान 40 किलो की बोरी भी खरीदने को मजबूर है। वहीं पैकिंग के माध्यम से थोक उर्वरक विक्रेता अपने यहां से लगेज लगाकर देते हैं जो की एक यूरिया की बोरी खरीदने पर या एक डीएपी की बोरी खरीदने पर उर्वरक के साथ-साथ कीटनाशक दवाई भी साथ में दी जाती हैं। यदि ऐसा नहीं होता है तो अन्नदाता को खाद भी नहीं मिलती है। वहीं दुकानदारों ने बताया कि यह लगेज हमको ऊपर से ही मिलता है। यदि हम ऐसा नहीं करते हैं तो हमको वहां से खाद नहीं मिलेगी जो कि हम अन्नदाता को दे पाएं। वही जिले के अधिकारी के फरमान के मुताबिक यदि सैंपल में कीटनाशक की दवा सही नहीं पाई जाती है तो फुटकर खाद्य विक्रेता को जेल जाना पड़ेगा, जबकि खाद विक्रेताओं का कहना है कि दुकानदारों को जेल क्यों जाना पड़ेगा, इसके लिए सरकार कंपनी को जिम्मेदार ठहराए तथा जब ट्रेकिंग तथा ओवरराइटिंग दुकानदारों को नहीं मिलेगी तो वह भी ओवररेटिंग नहीं करेंगे, जबकि कंपनी की तरफ से भाड़ा फर्रुखाबाद से नवाबगंज या अन्य गांव में जाने के लिए दिया जाता है, लेकिन ऐसा बड़े दुकानदार नहीं करते हैं। भाड़ा, पल्लेदारी स्थानीय दुकानदारों को देनी पड़ता है। जिसका खर्च लगभग प्रति बोरी पर 15 रुपये आता है। इसी के चलते सभी दुकानदार 5 दिनों की हड़ताल पर दुकान बंद कर चले गए। जिससे अब खेतों में अन्नदाता धान की फसल, मक्का की फसल तथा अन्य फसलों के लिए खाद तथा कीटनाशक के लिए दर-दर भटक रहा है।
सरकार के फरमान से खाद विक्रेता पांच दिवसीय हड़ताल पर
