भगवान जगन्नाथ रथयात्रा की सभी तैयारियां पूरी, रथ यात्रा में शामिल होने के लिए जुटे श्रद्धालु

समृद्धि न्यूज। ओडिशा के पुरी में आज से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की शुरुआत हो रही है। यह भव्य यात्रा पुरी के जगन्नाथ मंदिर से शुरू होकर गुंडिचा मंदिर तक जाती है।मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ साल में एक बार अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ अपनी मौसी के घर गुंडिचा मंदिर जाते हैं। रथ यात्रा से एक दिन पहले हजारों की संख्या में भक्तों ने मंदिर के सिंह द्वार पर पहुंचकर रत्न बेदी (गर्भगृह में पवित्र मंच) पर भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के नबाजौबन दर्शन (युवा रूप) किए। ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे हैं।

भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा के लिए समुद्र तटीय तीर्थ नगरी पुरी को किले में तब्दील कर दिया गया है, जहां करीब 10,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इसके अलावाए निगरानी के लिए शहर में विभिन्न स्थानों पर 250 से अधिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-सक्षम कैमरे लगाए गए हैं।

Union Home Minister Amit Shah tweets, “On the auspicious occasion of Rath Yatra, participating in the Mangla Aarti at Shri Jagannath Temple, Ahmedabad, is in itself a divine and extraordinary experience. Today, I joined the Mangla Aarti of Mahaprabhu and offered my prayers. May Mahaprabhu continue to bestow His blessings on all.”
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ओडिशा के डीजीपी वाई बी खुरानिया ने सुरक्षा इंतजामों को अंतिम रूप देने के बाद बताया कि पुरी में पहली बार एक एकीकृत कमान और नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। उत्तरा चक और पुरी शहर के बीच और पुरी और कोणार्क के बीच मार्ग पर लगभग 275 एआई-सक्षम सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों से चौबीसों घंटे निगरानी की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि एआई.संचालित निगरानी प्रणाली यातायात की गतिविधियों, भीड़ की बढ़ती संख्या पर नजर रखेगी और सुरक्षा कर्मियों को तुरंत निर्णय लेने और आपात स्थितियों का सामना करने में मदद करेगी। डीजीपी ने कहा कि प्रमुख स्थानों पर उप-नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किए गए हैं।

डीजीपी ने कहा कि खतरे के आंकलन के मद्देनजर पहली बार इमारतों की छतों पर एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड) के स्नाइपर्स भी तैनात किए गए हैं, जबकि हवाई निगरानी के लिए ड्रोन रोधी तकनीक और पुलिस संचालित ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तोडफ़ोड़ रोधी टीमें, बम निरोधक दस्ते और श्वान दस्ते भी तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा कि समुद्र के किनारे पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ओडिशा की मरीन पुलिस, तटरक्षक बल और भारतीय नौसेना की तैनाती के साथ व्यवस्था की गई है, खुरानिया ने कहा कि पार्किंग की उपलब्धता, रूट मैप और खाली पार्किंग स्थलों के बारे में जानकारी देने के लिए एक रियल-टाइम चैटबॉट एप्लिकेशन भी लॉन्च किया गया है।
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और राज्यपाल डा0 हरि बाबू कंभमपति ने विश्व प्रसिद्ध वार्षिक रथ यात्रा के अवसर पर श्रद्धालुओं का स्वागत और शुभकामनाएं दी हैं। सीएम मांझी ने कहा कि आस्था और भक्ति के साथ रथ यात्रा में शामिल हों, रथ पर महाप्रभु के दिव्य दर्शन करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
रथयात्रा 2025 के पहले और दूसरे दिन लगभग 15 लाख लोगों के आने की उम्मीद जताते हुए डीजीपी खुरानिया ने कहा कि श्रद्धालुओं की उचित सेवा और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं। रथ यात्रा की ड्यूटी के लिए अनुभवी पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया है। खुफिया निदेशक आर पी कोचे ने कहा कि चूंकि श्री जगन्नाथ मंदिर उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में स्थित है, इसलिए रथ यात्रा के दौरान इसका महत्व काफी बढ़ जाता है।

जगन्नाथ रथ यात्रा का शेड्यूल क्या है

कल सबसे पहले सुबह 6 बजे मंगल आरती की जाएगी, इसके बाद सुबह 9 बजकर 30 मिनट पर पहाड़ी रस्म निभाई जाएगी, फिर छेरा पहरा् की रस्म दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से 3 बजकर 30 मिनट तक की जाएगी। इसके बाद शाम 4 बजे रथ यात्रा गुंडीचा मंदिर के लिए निकल जाएगी।
1 जुलाई के दिन जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान हेरा पंचमी की रस्म निभाई जाएगी।
4 जुलाई के दिन मुख्य मंदिर में वापसी की यात्रा है, जिसे कई लोग बहुड़़ा कहते हैं।
5 जुलाई के दिन जगन्नाथ की मुख्य मंदिर में वापसी होगी, वापसी भव्य स्वागत द्वारा किया जाता है।

छेरा रस्म क्या होती है

इस रस्म में पुरी के गजपति राजा, जो भगवान के पहले सेवक माने जाते हैं सोने की झाड़ू से रथों के आगे झाड़ू लगाते हैं और चंदन से मिश्रित जल रास्ते में छिडक़ते हैं, इसके बाद रथ को भक्त खींचना शुरू करते हैं, यह रस्म इस बात का प्रतीक होती है कि भगवान की नजर में हर कोई एक समान है, चाहे राजा हो या आम जनता ईश्वर सबको एक नजर से देखता है।

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