फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। चैत्र नवदुर्गा के चौथे दिवस नगर के देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती रही। भक्तों ने मंदिर में पहुंचकर दुर्गा देवी के चतुर्थ स्वरुप कूष्मांडा का पूजन किया। लोगों ने उपवास रखकर मां की उपासना की। सुरक्षा की दृष्टि से मंदिरों पर महिला व पुरुष पुलिस तैनात रही।
नवरात्रि में चौथे दिन देवी को कूष्माण्डा के रूप में पूजा जाता है। अपनी मन्द, हल्की हँसी के द्वारा अण्ड यानी ब्रह्माण्ड को उत्पन्न करने के कारण इस देवी को कूष्माण्डा नाम से अभिहित किया गया है। जब सृष्टि नहीं थी, चारों तरफ अन्धकार ही अन्धकार था, तब इसी देवी ने ब्रह्माण्ड की रचना की थी। इसीलिए इसे सृष्टि की आदिस्वरूपा या आदिशक्ति कहा गया है। इनकी उपासना से सारे कष्टों से मुक्त होकर सहज ही परम पद के अधिकारी बन सकते हैं। यह देवी कल्याणकारी है।पूजन करने के लिए देवी मंदिरों पर सुबह से लेकर शाम तक भक्तों का आना-जाना लगा रहा। पल्ला मठिया, गुरगांव देवी मंदिर, महाकाल मंदिर, काली देवी मंदिर मऊदरवाजा, बढ़पुर स्थित शीतला देवी मंदिर, संतोषी माता मंदिर, भोलेपुर स्थित वैष्णो देवी मंदिर, फतेहगढ़ के कालीबाड़ी मंदि सहित नगर के कई छोटे-बड़े सभी मंदिरों में पहुंचकर भक्तों ने माथा टेंका और सर्वमंगल की कामना की। सुरक्षा की दृष्टि से मंदिरों पर पुलिस तैनात रही। शाम के समय व्रत रखे महिलाओं ने माता के भजन कीर्तन किये। मंदिरों में ऊं मंगला काली, भद्र काली, कपाली के गूंज रहे मंत्रों से एक वारगी माहौल आध्यात्मिक नजर आ रहा है।
भक्तों ने मां कूष्माण्डा की पूजा अर्चना कर की सर्व मंगल की कामना
