धनंजय मुंडे ने छोड़ा मंत्री पद, सीएम फडणवीस को सौंपा इस्तीफा

महाराष्ट्र सरकार के मंत्री धनंजय मुंडे ने आज मंगलवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है। सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र में एनसीपी नेता और कैबिनेट मंत्री धनंजय मुंडे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उनका इस्तीफा स्वीकार किया है। थोड़े समय में सीएम फडणवीस विधानसभा में इसकी बात की घोषणा करेंगे।

महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे ने मंगलवार को महाराष्ट्र कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। उनके सहयोगी वाल्मिक कराड को सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मामले में आरोपी बनाए जाने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंडे को मंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए कहा था। इस्तीफे की खबर आने के बाद फडणवीस ने कहा कि मुंडे ने अपना इस्तीफा मुझे सौंप दिया है। मैंने उनका इस्तीफा मंजूर कर के आगे की कार्रवाई के लिए उसे राज्यपाल को भेज दिया है।

शुरुआत से ही मंत्री की कुर्सी पर था संकट

राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री धनंजय मुंडे बीड जिले के परली से एनसीपी के विधायक हैं. इससे पहले वह बीड के संरक्षक मंत्री भी रह चुके हैं. महाराष्ट्र में जो मंत्री परिषद का पहला विस्तार हो रहा था तब भी सरपंच हत्याकांड का मुद्दा गर्मा गया था. ऐसा कहा जा रहा था कि उन्हें मंत्री नहीं बनाया जाएगा, लेकिन उन्हें अजित पवार के कारण मंत्री बनाया गया. जो महज कुछ ही महीनों तक ही टिक पाया.

क्या था मामला जिसके कारण देना पड़ा इस्तीफा?

9 दिसंबर को मसजोग के सरपंच संतोष देशमुख का अपहरण कर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इससे पूरे प्रदेश में माहौल गरमा गया. इस मामले में पुलिस ने हाल ही में चार्जशीट दाखिल की है. जिसमें धनंजय मुंडे के करीबी वाल्मिक कराड को आरोपी बनाया गया है. चार्जशीट के बाद से ही विपक्ष सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही थी.

सरकार पर आरोपियो को शह देने के आरोप लग रहे थे. मुंंडे जो पहले ही हत्या के आरोपी को अपना करीबी बता चुके हैं. उसके कारण अजित पवार समेत पूरी महायुति सरकार की मुसीबत बढ़ गई. जिसके कारण इस्तीफा लिया गया है.

राजनीति बवाल के बीच सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे. जिसने सरकार को मुसीबत में डाल दिया. जिसके बाद ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एनसीपी नेतृत्व से धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग की थी. जिसने सरकार को मुसीबत में डाल दिया. जिसके बाद ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एनसीपी नेतृत्व से धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग की थी.

इस्तीफे पर क्या बोले धनंजय मुंडे?

धनंजय मुंडे इस्तीफा देने के बाद सामने तो नहीं आए पर उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. कल जो तस्वीरें सामने आईं, उन्हें देखकर मैं काफी परेशान हो गया. इस मामले की जांच पूरी हो चुकी है और कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है.उन्होंने आगे लिखा कि मेरे सदस्य विवेक बुद्धि की सद्बुद्धि को याद करते हुए और चूंकि पिछले कुछ दिनों से मेरी हालत ठीक नहीं है, डॉक्टर ने मुझे अगले कुछ दिनों तक इलाज कराने की सलाह दी है, इसलिए मैंने चिकित्सा कारणों से भी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है. इसे मुख्यमंत्री को दे दिया गया है.

धनंजय मुंडे पर इस्तीफे का दबाव

संतोष देशमुख हत्या का मुख्य आरोपी वाल्मीकि कराड मंत्री धनंजय मुंडे का करीबी था। खुद धनंजय मुंडे भी कई बार सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि वाल्मीकि कराड उनका बेहद करीबी है। अब संतोष देशमुख की हत्या की तस्वीरें सामने आने के बाद धनंजय मुंडे पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया था। जानकारी के मुताबिक, देर रात उपमुख्यमंत्री अजित पवार के घर एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई। इस बैठक में संतोष देशमुख हत्या के मुद्दे पर चर्चा हुई है।

क्यों हुई थी हत्या?

PTI के मुताबिक, मासजोग गांव के सरपंच देशमुख को बीते साल दिसंबर महीने में एक ऊर्जा कंपनी से जबरन वसूली की कोशिश को विफल करने के प्रयास के कारण अगवा कर लिया गया था। इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई थी।

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