-गौशालाओं में गोवंश को चारा, भूसा और पानी का न हो अभाव और पराग के उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग की जाए।
समृद्धि न्यूज़ लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने निर्देश दिये हैं कि गर्मी के दृष्टिगत गोवंश को धूप व लू से बचाने हेतु शेड,स्वच्छ पानी, बिजली,हरा चारा और पर्याप्त औषधियों की व्यवस्था सुदृढ़ की जाए।गोशाला में चारे,भूसा और पानी का अभाव न हो और कोई भी गोवंश भूखा या प्यासा न रहे। गोशालाओं का रख-रखाव व्यवस्थित तरीके से किया जाए। उन्होंने कहा कि कार्ययोजना बनाकर इस वित्तीय वर्ष 2025-26 के प्रथम तीन माह के लक्ष्यों को निर्धारित समय में पूरा कर लिया जाए।कार्यदायी संस्था द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्यों का अधिकारी स्थलीय निरीक्षण करें और गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करें।श्री सिंह ने आज विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के कार्यों के समीक्षा करते हुए आगामी तीन माह में प्रारम्भ किए जाने वाले कार्यों एवं उनकी प्रगति के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।श्री सिंह ने कहा कि पिछले बजट की समीक्षा करते हुए वर्तमान वित्तीय वर्ष के कार्यों और योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाए।प्रारंभ से ही योजनाओं का बजट आवंटन और व्यय सुनियोजित और सुव्यवस्थित तरीके से किया जाए,ताकि वित्तीय वर्ष के समापन पर बजट खर्च में किसी प्रकार की कठिनाई ना हो।
श्री सिंह ने कहा कि प्रत्येक मण्डल में अपर निदेशक स्तर के अधिकारी द्वारा गोशालाओं का निरीक्षण किया जाए और गोवंश के रख-रखाव,चारा,भूसा, पेयजल,सुरक्षा,विद्युुत आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाए। रेडियम बेल्ट के कार्य को योजनाबद्ध तरीके से पूरे प्रदेश में क्रियान्वित किया जाए।गोचर भूमियों को अतिक्रमण से मुक्त कराकर चारागाह विकसित कराया जाए ताकि स्थानीय स्तर पर निराश्रित गोआश्रय स्थलों को निर्बाध रूप से वर्षपर्यन्त हरे चारे की पूर्ति होती रहे।पशुधन मंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में निराश्रित गोआश्रय स्थलों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गाय के गोबर के व्यवसायिक उपयोग पर बल दिया जाए।निराश्रित गोवंश को गोश्राय स्थल पर पहुंचाने का कार्य निरंतर किया जाए।बैठक में बताया गया कि वर्तमान में निराश्रित गोवंश संरक्षण हेतु 7720 गो आश्राय स्थल है जिनमें 1251805 गोवंश संरक्षित है।श्री सिंह ने दुग्ध विकास विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि अधिकारी पराग के उत्पादों मार्केटिंग पर विशेष ध्यान दे।जनता और किसानों का विश्वास आज भी पराग के साथ है इसलिए हमें दुग्ध समितियों के अगठन,नियमित समय पर भुगतान,किसानों के प्रशिक्षिण कार्यक्रमों को पूरी गंभीरता से पूरा करना होगा।दुग्ध विकास मंत्री ने कहा कि दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करने के लिए समितियों की संख्या निरंतर बढ़ाकर उन्हें मजबूत किया जाए।निष्क्रिय समितियों को क्रियाशील कर उन्हें संचालित किया जाए। वर्तमान में संचालित समितियां किसी भी कारण से बंद न होने होने पाए।दुग्ध उत्पादको को दुग्ध भुगतान समय से किया जाए।
बैठक में बताया गया कि वर्तमान में कुल 19,046 निबंधित समितियों के सापेक्ष 7851 समितियां कार्यरत हैं।जिला योजना अंतर्गत 220 दुग्ध समितियों के गठन एवं 450 दुग्ध समितियों का पुर्नगठन कार्य पूर्ण है।नंदबाबा दुग्ध मिशन में 330 समितियों के गठन का लक्ष्य पूर्ण किया गया है।औसत दुग्ध उपार्जन प्रतिदिन 3.92 एलकेजीपीडी,माह मार्च 2025 में दुग्ध उपार्जन 5.57 एलकेजीपीडी,औसत तरल दुग्ध बिक्रय प्रतिदिन 1.85 एलएलपीडी तथा माह मार्च में तरल दुग्ध विक्रय 1.91 एलएलपीडी रहा है।प्रत्येक दुग्ध संघ द्वारा दुग्ध समितियों का भ्रमण एवं अनुश्रवण किया गया, जिसमें 27 अगस्त 2024 से 27 मार्च,2025 तक 3633 कार्यरत एवं 1408 अकार्यरत कुल 5041 दुग्ध समितियों में भ्रमण कार्य किया गया।बैठक में पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के प्रमुख सचिव के. रविन्द्र नायक ने मंत्री श्री सिंह को पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग द्वारा प्रारम्भ किये गये कार्यों और उसकी अद्यतन स्थिति से अवगत कराया और मंत्री जी को आश्वस्त किया कि सुदृढ़ कार्ययोजना बनाकर निर्धारित अवधि में लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया जायेगा।उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्धारित अवधि में कार्य पूरा करने और योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिये।बैठक में विशेष सचिव पशुधन,देवेंद्र पांडेय, विशेष सचिव दुग्ध विकास विभाग राम सहाय यादव,दुग्ध आयुक्त राकेश कुमार मिश्र, पशुधन विभाग के निदेशक, प्रशासन एवं विकास डॉ जयकेश पाण्डेय,रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र डॉ योगेंद्र सिंह पवार, यूपीएलडीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ पी.के. सिंह,संयुक्त निदेशक,डॉ पी.एन. सिंह पीसीडीएफ के डॉ. मनोज तिवारी,नयन तारा तथा शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
क्रियाशील दुग्ध समितियां बंद न हों और नई समितियों का निरंतर गठन किया जाए-धर्मपाल सिंह
