गुजरात: कच्छ में महसूस किए गए भूकंप के झटके, एक महीने में चौथा झटका

गुजरात के कच्छ में बुधवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, जिसके बाद लोग सहम गए और वे अपने घरों से बाहर निकल आए. बताया गया गया है कि भूकंप सुबह 10.24 मिनट पर आया है, जिसका केंद्र भचाऊ से 23 किलोमीटर उत्तर-उत्तर पूर्व (एनएनई) में स्थित था. भूकंपीय अनुसंधान संस्थान (आईएसआर) ने बताया कि बुधवार सुबह गुजरात के कच्छ जिले में 3.2 तीव्रता का भूकंप आया. जिला प्रशासन ने बताया कि किसी के हताहत होने या संपत्ति को नुकसान पहुंचने की खबर नहीं है.

अहमदाबाद: गुजरात के कच्छ जिले में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। बुधवार सुबह 3.2 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप अनुसंधान संस्थान (आईएसआर) ने यह जानकारी दी। जिला प्रशासन ने बताया कि भूकंप से किसी के हताहत होने या संपत्ति को नुकसान पहुंचने की कोई खबर नहीं है।

10 बजकर 24 मिनट पर आया भूकंप

गांधीनगर स्थित आईएसआर के अनुसार, भूकंप के झटके सुबह 10 बजकर 24 मिनट पर दर्ज किए गए, जिसका केंद्र भचाऊ से 23 किलोमीटर उत्तर-उत्तर पूर्व में स्थित था। पिछले महीने, इस क्षेत्र में तीन से अधिक तीव्रता की चार भूकंपीय गतिविधियां दर्ज की गईं, जिनमें तीन दिन पहले आया 3. 2 तीव्रता का भूकंप भी शामिल है, जिसका केंद्र भी भचाऊ के निकट था।

भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील है गुजरात

आईएसआर के अनुसार, 23 दिसंबर को जिले में 3. 7 तीव्रता का भूकंप आया था और सात दिसंबर को 3. 2 तीव्रता का भूकंप आया था। पिछले साल 18 नवंबर को कच्छ में चार तीव्रता का भूकंप आया था। आईएसआर के आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले 15 नवंबर को उत्तर गुजरात के पाटण में 4. 2 तीव्रता का भूकंप आया था। गुजरात भूकंप के लिहाज से उच्च जोखिम वाले संवेदनशील क्षेत्र में आता है।

2001 में कच्छ में आया था तबाही वाला भूकंप

इससे पहले 15 नवंबर को आईएसआर डेटा के अनुसार, उत्तरी गुजरात के पाटन में 4.2 तीव्रता का भूकंप आया था. गुजरात एक उच्च भूकंप-जोखिम वाला क्षेत्र है. गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (जीएसडीएमए) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 200 वर्षों में इसे नौ बड़े भूकंपों का सामना करना पड़ा. 26 जनवरी, 2001 को कच्छ में आया भूकंप पिछले दो शताब्दियों में भारत में तीसरा सबसे बड़ा और दूसरा सबसे विनाशकारी भूकंप आया था. भूकंप ने जिले के कई शहरों और गांवों को तबाह कर दिया था. सबकुछ खत्म हो गया था. इस त्रासदी में लगभग 13,800 लोग मारे गए थे और 1.67 लाख अन्य घायल हो गए थे.

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