सूत्रों के मुताबिक, संभल की जामा मस्जिद में मंदिर होने के प्रमाण मिले हैं. मस्जिद के अंदर दो वट वृक्ष हैं. अमूमन हिंदू धर्म के मंदिरों में ही वट वृक्ष की पूजा होती है. इतना ही नहीं मस्जिद में कुंआ भी है, जो आधा अंदर है और आधा बाहर है.
संभल में शाही जमा मस्जिद के सर्वे को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, ASI रिपोर्ट की इनसाइड डिटेल सामने आई है. 19 नवंबर को पहले दिन के सर्वे में करीब डेड घंटे की वीडियोग्राफी हुई, जबकि दूसरी बार 24 नवंबर को करीब तीन घंटे की वीडियोग्राफी हुई. सर्वे रिपोर्ट में कुल साढ़े चार घंटे की वीडियोग्राफी का जिक्र है. 1200 के करीब फोटो लिए गए हैं. सूत्रों के मुताबिक, मस्जिद में मंदिर होने के प्रमाण मिले हैं. शाही जामा मस्जिद के अंदर दो वट वृक्ष हैं. अमूमन हिंदु धर्म में मंदिरों में वट वृक्ष की पूजा होती है. मस्जिद में कुआं भी है, जो कि आधा अंदर है और आधा बाहर है. बाहर वाले हिस्से को ढक दिया गया है, जबकि कुंआ का आधा हिस्सा मस्जिद के अंदर है. 50 से जायदा फूल के निशान मिले हैं. गुंबद के हिस्से को प्लेन कर दिया गया है. मस्जिद के पुराने कंट्रक्शन के बदलने के भी सबूत मिले हैं. नए कंस्ट्रशन के सबूत मिले हैं. मंदिर के शेप पर प्लास्टर लगाकर पेंट कर दिया गया है. मस्जिद में अंदर जहां बड़ा गुंबद है, उस गुंबद पर झूमर को तार से बांधकर एक चेन से लटकाया गया है. वैसा चैन का इस्तेमाल मंदिर के घंटों में किया जाता है. बता दें कि संभल की जिला अदालत ने 19 नवंबर 2024 को शाही जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था. उसी दिन शाम को कोर्ट कमिश्नर ने टीम के साथ मस्जिद का सर्वे किया था. टीम ने शांतिपूर्ण तरीके से सर्वे को संपन्न किया था. हालांकि जब दूसरी बार 24 नवंबर को टीम सर्वे के लिए पहुंची तो धर्म विशेष का लोगों में गुस्सा फूट पड़ा और वह सड़क पर उतर आए. सूत्रों के अनुसार, विवादित स्थल में वैसे प्रतीक भी मिले हैं जो उस दौर के मंदिरों और देवालयों में बने होते थे. मंदिर के दरवाजों, झरोखों और अलंकृत दीवारों पर प्लास्टर लगाकर पेंट कर दिया गया है, जिससे पुराना निर्माण ढक गया है.