अधिशाषी अभियंता व जेई ने जल निगम को लगाया लाखों रुपयों का चूना

(समृद्धि न्यूज) सिद्धार्थनगर/लखनऊ। उत्तर प्रदेश जल निगम सिद्धार्थनगर में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खेल खेला गया है। भ्रष्टाचार का यह खेल सत्ता पक्ष के एक सफेदपोश के इशारे पर जल निगम सिद्धार्थनगर के अधिशाषी अभियंता, जूनियर इंजीनियर और कथित ठेकेदार की तिकड़ी चाल ने खेला है। जिस वजह से जल निगम को लाखों रुपयों का चूना लगा है। खबर के मुताबिक सिद्धार्थनगर जनपद की बढ़नी, शोहरतगाह और नौगढ़ तहसील अंतर्गत बढ़नी, बर्डपुर और शोहरतगढ़ ब्लॉक के ग्रामीणों को शुद्ध पेय जल उपलब्ध कराने के लिए करीब 25साल पूर्व उत्तर प्रदेश जल निगम द्वारा वाटर टैंक निर्मित कराए गए थे, जिन्हें पिछले साल विभाग ने निष्प्रयोज्य घोषित कर दिया था। निष्प्रयोज्य हुई पानी की उन टंकियों को विभाग द्वारा टेंडर प्रक्रिया अपनाकर जून 2025 में ध्वस्तीकरण कराये जाने की प्रक्रिया अपनाई गई। जिसमें केवल पानी की टंकी के ध्वस्तीकरण और उसके मलबे का उठान शामिल है, लेकिन राजनीतिक दबाव और अधिशाषी व जूनियर अभियंता की मिली भगत से ठेकेदार ने पानी की टंकियों को तोड़ने के साथ ही वहां के कर्मचारी आवास, स्टोर रुम, मोटर कक्ष और बाउंड्रीवाल को भी तोड़ डाले और उसके ईंट, दरवाजे तथा जंगले आदि दिन दहाड़े बेच डाले। आशचर्य की बात यह है कि जिले में घटित होने वाली छोटी से छोटी घटनाओं की सूचना एकाध घंटे के भीतर जिला प्रशासन तक पहुंच जाती हैं, मगर महीना भर से जिला/तहसील प्रशासन के नाक के नीचे खेले जा इस खेल की भनक तक न लगने पर सवाल खड़े होना लाजिमी है। वहीं जिम्मेदार प्रकरण में जवाब देने से कन्नी काट रहे हैं। कपिलवस्तु स्थित पिपरहवा में निर्मित कैंपस के कमरों को कथित ठेकेदार द्वारा अधिकृत एजेंट स्थानीय दबंग दिलीप यादव द्वारा कैंपस के कमरों और दीवार को जेसीबी से तोड़कर उसके ईंट,दरवाजे, जंगले आदि निकालकर अभी भी बेचा जा रहा है। जानकारी के मुताबिक वर्क ऑर्डर देने वाली फर्म मेसर्स अवांस इंफ्राटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली ने अपने पत्रांकित तारीख 24/06/2025 को मेसर्स एस.कुमार ट्रेडिंग कंपनी, गोरखपुर को अधिकृत करते हुए संतकबीरनगर, बस्ती और सिद्धार्थनगर जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित कुल 14 अदद पानी की टंकियों को तोड़ने और उनके मलबे उठान के लिए ठेका दिया है। वर्क ऑर्डर में पानी की दस टंकियाँ अकेले सिद्धार्थनगर जनपद के ग्रामीण क्षेत्र में स्थित हैं। जिन्हें तोड़ने के लिए गोरखपुर की उक्त फर्म ने बस्ती जनपद निवासी व्यक्ति अवधेश सिंह को जिम्मेदारी सौंपी, जो उस टेंडर की आड़ में स्टाफ रूम, स्टोर रुम,दीवारें तोड़कर ईंट दरवाजे और पेड़ पौधे कटवा कर बेच डाले गए हैं। शेष बचे हुए को अपने करीबी दिलीप यादव द्वारा तोड़वा कर बेचवा रहा है। मौका-ए- मुआयना में ककरहवा,कपिलवस्तु, बजहा, खुनुआ, रोनिहवा, जुगडिहवा आदि जगहों की पानी की टंकियों के साथ-साथ कैंपस स्थित कमरों और बाउंड्रीवाल को तोड़ने सहित प्रांगण में लगे दर्जनों पुराने कीमती पेड़ो को काटने के सबूत मिले हैं। इस संबंध में संबंधित फर्मों से संपर्क करने पर उनके मोबाइल फोन नहीं उठे। कथित ठेकेदार अवधेश सिंह से संपर्क नहीं हो पाया। अधिशाषी अभियंता जल निगम सिद्धार्थनगर चित्र मोहन का कहना है कि संबंधित फर्म को सिर्फ वाटर टैंक के ध्वस्तीकरण और उसके मलबे के उठान का ठेका प्राप्त है। अगर उसने कैंपस के अन्य निर्माण और पेड़ पौधों को नुकसान पहुंचाया है तो उसने गंभीर प्रकरण कारित किया है। उसकी जांच कराकर संबंधित फर्म के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।

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