- स्कूल में घुड़सवारी, स्वीमिंग, संगीत, एक्टिंग भी सीखेंगे छात्र
- राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का होगा अध्यापन कार्य
- छिबरामऊ के अन्य प्राइवेट स्कूलों के समान ही होगी फीस
समृद्धि न्यूज, छिबरामऊ(कन्नौज)। जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल… शिक्षा के मन्दिर का एक ऐसा नाम जिसे छोटे शहर के लोग केवल सुन सकते हैं, इस शिक्षण संस्था में अध्ययन करने वाले बच्चों को ऊँची उड़ान भरते देख सकते हैं, छोटे शहर में इस शिक्षा सदन का होना वहां के निवासियों के लिए एक दिवास्प्न के समान ही है। कन्नौज जनपद के छोटे से शहर में जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल की शाखा खोलकर शिक्षाविद्, समाजसेवी डॉ. जितेन्द्र सिंह यादव ने नगरवासियों को हैरत में डाल दिया। पहले भी वॉलीवुड के सितारों को पड़ोसी जनपद फर्रुखाबाद में लाकर विद्या को सुगम बनाने वाले डॉ. जितेन्द्र सिंह यादव ने लोगों का दिल जीता है, लेकिन देश की प्रख्यात शिक्षण संस्थान को छिबरामऊ में खोलकर हजारों-हजार अभिभावकों के सपनों को हकीकत में तब्दील करने का अवसर प्रदान कर दिया है। हर माता-पिता अपने बच्चों को ऊँची उड़ान भरते देखना चाहता है।
भव्य से भव्यतम रूप लेते विद्यालय के निर्माणाधीन इमारत में पत्रकारों से वार्ता करते हुए मेजर एसडी सिंह आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज फर्रुखाबाद, साईं मीर एजूकेशन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन व कई अन्य शिक्षण संस्थाओंं के चेयरमैन डॉ. जितेन्द्र सिंह यादव ने कहा जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल की शाखा छिबरामऊ में इसलिए खोली ताकि इस छोटे से शहर के बच्चे बड़े-बड़े पदों पर आसीन हों, ऊँची उड़ान भर सकें और देश में ही नहीं विदेशों में भी ऐतिहासिक नगरी कन्नौज के इल्म का तिलिस्म फैला सकें। उन्होंने कहा कि छिबरामऊ, कन्नौज की प्रतिभाएं केवल यहाँ तक सीमित न रहें, बल्कि देश-विदेश में अपनी योग्यता के दर्शन ेकरा सकें।
पत्रकारों द्वारा यह पूछने पर कि जीडी गोयनका स्कूल दूसरे स्कूलों से कैसे अलग है… पर डॉ. जितेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि स्थानीय विद्यालयों से यह स्कूल बहुत मायने में अलग है। जीडी गोयनका एक राष्ट्रीय ब्रॉण्ड है। इस विद्यालय के चेयरमैन, जो दिल्ली में रहते हैं, वे दुबई में भी इस विद्यालय की शाखा को खोलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कन्नौज, पड़ोसी जनपद फर्रुखाबाद, मैनपुरी आदि जिलों में ऐसा स्कूल नहीं है।
पत्रकारों द्वारा यह पूछने पर कि इस विद्यालय में ऐसा क्या खास रहेगा कि अभिभावक अपने बच्चे यहाँ पढ़ाएं पर डॉ. जितेन्द्र ने कहा कि इस विद्यालय में राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का अध्यापन कार्य होगा। सभी शिक्षक ट्रेंड होंगे तथा बाहर के होंगे। एक या दो माह के बाद यहां पढऩे वाले बच्चे स्वयं बताएंगे यहां क्या खास है। अच्छे परिणाम को सबूतों की आवश्यकता नहीं होती। उन्होंने कहा कि बच्चों का सर्वांगीण विकास करना विद्यालय का ध्येय होगा। शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद, पर्सनॉलिटी डवलपमेंट, संगीत, कला, अभिनय, संस्कृति, संस्कार सब शिक्षा का हिस्सा होंगे।
स्कूल की अधिक फीस के बारे में पूछने पर डॉ. जितेन्द्र यादव ने कहा, यह सच बात है कि विद्यालय में अध्यापन का स्तर बहुत ऊँचा है, हमने यहाँ बिल्डिंग उपलब्ध करायी है, यहां पढ़ाने वाले शिक्षक व अन्य स्टाफ का नियंत्रण दिल्ली से होगा। घुड़सवारी, तैराकी, शूटिंग जैसी स्किल्स भी बच्चों को सिखाए जाएंगे। यहाँ के बच्चे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रतियोगिताएं खेलने जाते हैं। लेकिन इस सबके बावजूद छिबरामऊ की शाखा में फीस अन्य विद्यालयों के समान ही होगी। उन्होंने कहा कि मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चे भी उच्च पदों पर जाएं, छोटे शहर के बच्चे भी बड़े-बड़े काम करें, इसलिए उन्होंने विद्यालय प्रबंधतंत्र से यहां के बच्चों के लिए फीस में रियायत करायी है। मुझे प्रसन्नता है विद्यालय प्रबंधतंत्र ने मेरे नेक ध्येय को देखते हुए मेरी बात मानी।
पत्रकारों ने जब पूछा छोटे से नगर में जीडी गोयनका स्कूल लाने का विचार कैसे आया तो समाजसेवी ने कहा मुझे अपने बच्चों की शिक्षा के लिए लखनऊ शिफ्ट होना पड़ा, जिसमें मुझे व मेरे परिवार को बहुत दिक्कतें आईं। मेरे बच्चे भी इसी विद्यालय में पढ़ रहे हैं। कन्नौज व पड़ोसी जनपदों के कई लोगों के बच्चे भी इसी स्कूल में पढ़ रहे हैं। सक्षम लोग तो बड़े शहरों में जा सकते हैं, लेकिन मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए यह सम्भव नहीं है। छोटे शहर की प्रतिभाएं यहीं न दम तोड़ दें, इसलिए इस स्कूल की शाखा को छिबरामऊ ले आया। बच्चों को अच्छा प्लेटफार्म मिलेगा तो वे अपने शहर व अपने परिवार का नाम रोशन करेंगे।
डॉ.जितेन्द्र ङ्क्षसह यादव ने कहा कि मेरा अभिभावकों से आग्रह है स्कूल में आकर यहां दी जाने वाली सुविधाओं को, शिक्षण के तरीके को देखें और अपने बच्चों का दाखिला यहाँ कराएं, मेरा पूरा विश्वास है वे निराश नहीं होंगे और विद्यालय को अपने बच्चों के लिए श्रेष्ठ पाएंगे।