अविवि के संसाधनों के बेहतर उपयोग से नैक में मिलेगा उच्च ग्रेड-डाॅ जाॅनी

सभी के सद्प्रयास से नैक मूल्यांकन में मिलेगी सफलता कुलपति प्रो गोयल

-कुलाधिपति/राज्यपाल के विशेष कार्याधिकारी ने अविवि में नैक मूल्यांकन को लेकर की समीक्षा बैठक
 समृद्धि न्यूज़ अयोध्या। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की कुलाधिपति एवं उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल के दिशा निर्देशन में शुक्रवार को विश्वविद्यालय के कौटिल्य प्रशासनिक भवन के सभागार में नैक मूल्यांकन कराये जाने को लेकर कुलाधिपति के विशेष कार्याधिकारी डाॅ0 पंकज एल जाॅनी ने समीक्षा बैठक की। सर्वप्रथम विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल ने डाॅ0 जाॅनी का स्वागत किया एवं तीन वर्षो की नैक मूल्यांकन के लिए एक्यूएआर (वार्षिक गुणवत्ता आश्वासन रिपोर्ट) सबमिट किए जाने से अवगत कराया।कुलपति ने कहा कि कुलाधिपति के कुशल मार्ग-दर्शन में विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन उच्च ग्रेड प्राप्त करने के लिए प्रयत्नशील है।निश्चित ही सभी के सद्प्रयास से सफल होंगे।समीक्षा बैठक में डाॅ0 पंकज एल जाॅनी ने नैक के सभी मापदण्डों के प्रभारियों के साथ तैयारियों को लेकर पाॅवर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से परखा।उन्होंने प्रभारियों से कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता की बात की जाये तो यह किसी एक शिक्षक के कारण नही होती।इसमें सभी शिक्षकों की भागीदारी आवश्यक है,तभी विश्वविद्यालय एवं संस्थान उच्च गुणवत्तापरक शिक्षा के लक्ष्य को हासिल कर सकेेंगे और ए प्लस प्लस की रैंक प्राप्त हो सकेगी।बैठक में डाॅ0 जाॅनी ने कहा कि कुलाधिपति के प्रयासो से अब नैक मूल्यांकन में बाइनरी शब्द हटाकर बेसिक शब्द जोड़ा गया है।इन्ही के सद्प्रयास से इस प्रक्रिया को अब और सरल कर दिया गया है। बैठक में प्रभारियो से कहा कि हर कार्य को टीम में बांटे तभी आप अपग्रेड हो पायेंगे।शिक्षक शिक्षण व्यवस्था का निर्णय ले, अधिकार आपके पास है।हर विभाग सक्रिय रूप से राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय कांफ्रेस,वर्कशाप के आयोजनों में विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित करें।उन्होंने नैक की समीक्षा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षण व्यवस्था को सुदृढ़ करने का यही सही समय है।शक्ति का केन्द्रीकरण नही होना चाहिए।कोई भी मूल्यांकन एजेंसी यही चाहती है कि संसाधनों का बेहतर उपयोग हो।विशेष कार्याधिकारी डाॅ0 पंकज जाॅनी ने एक्यूएआर की समीक्षा करते हुए डाॅक्यूमेंट्स प्रमाण के साथ लगाने का निर्देश दिया।कहा कि जीओ टैग से युक्त फोटोग्राफ्स से कार्यक्रम की प्रमाणिकता सिद्ध होगी।इसके अतिरिक्त उन्होंने छात्रों से फीडबैक के लिए पाॅलिसी बनाने का सुझाव दिया।कहा कि इससे छात्र छात्राओं एवं शिक्षकों की भागीदारी सुनिश्चित होगी।बैठक में डाॅ0 जाॅनी ने विधि विभाग में मूट कोर्ट का आयोजन निश्चित समयावधि में कराये जाने का सुक्षाव दिया और प्रयोगशालाओं को सक्रिय करने के लिए शिक्षकों को निर्देशित किया।विशेष कार्याधिकारी ने कहा कि अयोध्या वैश्विक सांस्कृतिक, एतिहासिक धरोहर का केन्द्र है। इस पर आधारित पाठ्यक्रम का निर्माण हो।इससे छात्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।बैठक का संचालन प्रो0 संत शरण मिश्र ने किया।इस अवसर पर वित्त अधिकारी पूर्णेन्दु शुक्ल, कुलसचिव उमानाथ,प्रो0 आशुतोष सिन्हा,प्रो0 हिमांशु शेखर सिंह,डाॅ0 आईक्यूएसी समन्वयक डाॅ0 पीके द्विवेदी, प्रो0 गंगाराम मिश्र,प्रो0 नीलम पाठक,प्रो0 शैलेन्द्र वर्मा,डाॅ0 सुरेन्द्र मिश्र सहित अन्य मौजूद रहे।

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