हिन्दी साहित्य भारती ने वरिष्ठ कवि वासुदेव मिश्र का किया स्वागत

 संस्था द्वारा कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। अन्तर्राष्ट्रीय संस्था हिन्दी साहित्य भारती शाखा फर्रुखाबाद द्वारा राजस्थान के वरिष्ठ कवि वासुदेव मिश्र लालवत्ती का सम्मान समारोह आयोजित हुआ। समारोह की अध्यक्षता संस्था अध्यक्ष रामबाबू मिश्र रत्नेश ने की। संचालन कृष्णकांत अक्षर ने किया। संस्था के मण्डल अध्यक्ष प्रभात अवस्थी व जिला सचिव प्रो0 डा आलोक बिहारी लाल शुक्ल एवं सचिव भारती मिश्रा के विशेष सहयोग से कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। भारतीय महाविद्यालय लोहाई रोड के सभागार में आयोजित सम्मान समारोह में कपिध्वज मिश्रा ने वाणी वंदना प्रस्तुत की। ज्ञान देवी हमें ज्ञान दे शारदे, भारती मिश्रा ने कहा कि जिन्हे दूध में नहाने का चस्का है, ऐसे बतासों से भला क्या होगा। कपिध्वज मिश्रा ने कहा कि गीत बिक चुके है, कलमकार बेखर है। मुख्य अतिथि कवि वासुदेव मिश्र लालवत्ती ने कहा कि हसना-हसाना कोई खेल नहीं, ये है तो ईश्वर का वरदान, अध्यक्ष रामबाबू मिश्र ने कहा कि कृष्ण के वक्तव्य नत शत साक्षी है, यह विनय की युद्ध का पर्यायवाची है। संचालन कर रहे कृष्णकांत अक्षर ने कहा कि राष्ट्रीय चेतना जागृत की देश की माटी तेरी सौगंध खाते हम, प्राण लिये तेरे लिए देंगे तुम ही पर मिट जायेंगे। रामशंकर अवस्थी अबोध ने कहा कि डोलत मधुर बयार सखी और कोकिल तानन हूक बढ़ाई। संस्था के महामंत्री डा0 आलोक बिहारी लाल शुक्ला ने कहा कि हास्य जीवन का स्पंदन है और दृष्टि से लालबत्ती ने अपने जीवन में हास्य रस रच को महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस अवसर पर आलोक मिश्रा, विवेक शुक्ला, बलराम, संजेश शैली, कांता सरोज, संजय गर्ग आदि लोग मौजूद रहे। सभी ने मुख्य को शॉल ओड़ाकर सम्मानित किया।

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