राजस्थान की राजधानी जयपुर के एक स्कूल में बच्चों के होली खेलने पर रोक लगा दी गई है, जिसके बाद विवाद बढ़ गया है. राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावरने इसे गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करने की बात कही है. मंगलवार सुबह उन्होंने कहा, ‘होली रंगों और श्रद्धा का त्योहार है, जिसे भारत में हर कोई धूमधाम से मनाता है. लेकिन, एक स्कूल में यह आदेश जारी किया गया कि अगर कोई छात्र होली मनाते हुए पाया गया तो उसे परीक्षा देने से रोक दिया जाएगा. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. कोई भी शैक्षणिक संस्थान इस तरह के सांस्कृतिक प्रतिबंध नहीं लगा सकता. हम केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को पत्र लिखकर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की मांग करेंगे.’
#WATCH | Jaipur, Rajasthan | Rajasthan Education Minister Madan Dilawar says, "Holi is a festival of colours and reverence, celebrated by everyone in India. However, an order was issued in a school to prohibit students from giving their examinations if they were found celebrating… pic.twitter.com/cegTgMLbpJ
— ANI (@ANI) March 11, 2025
राजस्थान के जयपुर में एक प्राइवेट स्कूल में होली को लेकर छात्रों को आदेश जारी किया कि वे स्कूल परिसर में रंग नहीं लेकर आएंगे, जिसके बाद अब यह बात शिक्षा मत्री मदन दिलावर तक पहुंच गई है और शिक्षा मंत्री ने स्कूल के खिलाफ कार्रवाई तक की बात कह दी है। इसके बाद अब स्कूल ने अपनी सफाई दी है। स्कूल ने स्पष्ट किया कि यह निर्देश होली मनाने के लिए नहीं, बल्कि सिंथेटिक और हानिकारक रंगों के प्रयोग को लेकर संबंधित था। स्कूल की प्रिंसिपल सिस्टर सिंथिया ने कहा कि स्कूल बुधवार को छात्रों के लिए होली समारोह का आयोजन करेगा।
होली के रंग न लाने का आदेश
मामला जयपुर के सेंट एंजेला सोफिया स्कूल का है। स्कूल ने हाल ही में एक वीडियो बच्चों के अभिभावकों को भेजा कि वे स्कूल में होली के रंग न लाएं और अगर किसी छात्र के पास रंग पाया जाता है तो उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह सोशल मीडिया के जरिए राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर तक पहुंच गई और उन्होने इसे लेकर निजी स्कूल के खिलाफ कार्रवाई करने हेतु केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को पत्र लिखने की बात कह दी।
वीडियो भेजकर कही थे ये बात
स्कूल ने रविवार को अभिभावकों को एक वीडियो भेजकर कहा, ‘‘अभिभावक नहीं चाहते कि केमिकल वाले रंग इस्तेमाल में लाए जाएं इसलिए हमने एहतियात के तौर पर एक संदेश अभिभावकों को दिया कि आप बच्चों को कहिए की स्कूल में रंग न लाएं। परीक्षा आराम से दीजिए। होली बहुत पवित्र त्योहार है, खुशियों… रंगों का त्योहार है। परीक्षा खत्म हो जाने के बाद हम बुधवार को यह त्योहार मनाने वाले हैं। हम लोग फूलों की होली खेलना सिखायेंगे।’’
आगे कहा गया, “हम आपके बच्चे को इस अनुरोध के बारे में याद दिलाने में आपका सहयोग चाहते हैं। हमें भरोसा है कि आपके सहयोग से हम स्कूल में खुशहाल और सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रख सकते हैं। अगर किसी छात्र के पास रंग पाया जाता है तो उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।”