जिंदा रहना है तो जिंदगी से लड़ो, आसमान से नहीं रोटियां आएंगी: अनु सपन

सीपी गेस्ट हाउस में कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन
कायमगंज, समृद्धि न्यूज। नगर के सीपी गेस्ट हाउस में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन में भोपाल से अनु सपन, इंदौर से डॉ0 भुवन मोहिनी, घिरौर से सतीश मधुप, हाथरस से राणा मुनि प्रताप, कायमगंज से पवन बाथम व देवेश दीक्षित देव आदि कवियों ने अपनी कविताओं व गजलों के माध्यम से महफिल में चार चांद लगा दिए। भोपाल से आयी अनु सपन ने अपने शायराना अंदाज में पढ़ा कि हम भी तरसेंगे तेरे खतों के लिए, जब पड़ोसन के घर चिट्टियां आएंगी। जिंदा रहना है तो जिंदगी से लड़ो, आसमान से नहीं रोटियां आएंगी। उन्होंनो अगली कविता में पढ़ा कि मुश्किलों से हमें जूझना आ गया, हारते हारते जीतना आ गया, एक नाजुक लोग समझे क्या, हमको शाखों के दिल थामना आ गया, हारते हारते जितना आ गया। आंधियों से लड़े तो ये असर, हमें तूफान का रुख मोडऩा आ गया, पार होने को जी चाहता ही नहीं, शुक्र है कि हमें उनमें डूबना आ गया। कवि अनु सुमन की इन पंक्तियों में महफिल में चार चांद लगा दिए। उन्होंने एक गजल के माध्यम से खूब तालियां बटोरी। उन्होंने कहा कि ये जो मेरी आंखों में खारा खारा पानी है, इसके कतरे कतरे में प्यार की कहानी है। जब से उनकी आंखों ने छू लिया है तन मेरा, तब से मेरे चेहरे का रंग जाफरानी है। कायमगंज के कवि पवन बाथम ने शायराना अंदाज में पढ़ा कि तेरे आने का भान होता है, खुशनुमा आसमान होता है, तू अकेले में नहीं मिल मुझसे, दिल बड़ा बेईमान होता है। कवि पवन बाथम ने यह चार पंक्तियां पढक़र लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कवि सम्मेलन का संचालन कवि सतीश मधुप ने किया। अध्यक्षता प्रधानाचार्य योगेश चंद्र तिवारी ने की। इस मौके पर नगर अध्यक्ष संजय गुप्ता, नगर कोषाध्यक्ष सतीश चंद्र अग्रवाल, अमित सेठ, जितेंद्र रस्तोगी, डॉ0 शरद गंगवार, डॉ0 विकास शर्मा, शिव कुमार शाक्य, अनमोल अग्रवाल, अतुल गुप्ता, रश्मि दुबे, विशाल गुप्ता, अभिषेक अग्रवाल, सुनील सेठ, मंजू अग्रवाल, अर्चना चौहान आदि व्यापारी मौजूद रहे।

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