अमेरिका ने वापस भारत भेजे अवैध प्रवासी, लगायी गई हथकड़ी

समृद्धि न्यूज। अमेरिका से हरियाणा के कुल 50 युवाओं को डिपोर्ट किया गया है, ये सभी डोंकी रूट से अमेरिका गए थे, इनमें 16 करनाल के हैं। व्हाइट हाउस में वापसी के बाद से ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अवैध प्रवासियों पर सख्त हैं। हाल ही में ट्रंप प्रशासन ने एक और समूह को भारत वापस भेजा है। निर्वासित हुए 35 लोग हरियाणा के कैथल, करनाल और कुरुक्षेत्र जिले के हैं। इन्हें लेकर विमान शनिवार देर रात दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचा। कैथल से निर्वासित लोगों में से एक, नरेश कुमार ने बताया कि उड़ान के दौरान लोगों को हथकडिय़ां लगाई गई थीं। इससे पहले भी हथकडिय़ां लगाकर भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट किया गया था, जिसपर बवाल मच गया था और अमेरिका प्रशासन के इस कदम का कई संगठनों ने विरोध किया था और भारत सरकार से अपील की थी की भारतीय नागरिकों को सम्मान पूर्वक वापस लाया जाए। निर्वासित लोगों में 16 करनाल, 14 कैथल और पांच कुरुक्षेत्र के थे, बाद में उन्हें उनके संबंधित जिलों में ले जाया गया और उनके परिवारों से मिलाया गया। करनाल के पुलिस अधीक्षक गंगा राम पुनिया ने बताया कि निर्वासित लोग जिले के विभिन्न गांवों से आए थे। करनाल के डीएसपी संदीप कुमार ने बताया कि हरियाणा के 50 युवक डिपोर्ट किए गए हैं, उनमें से 16 युवक करनाल के रहने वाले हैं, जो करनाल पहुंच चुके हैं, ये सभी अलग-अलग गांव के रहने वाले हैं। उन्हें घर वालों को सौंप दिया गया है, जब उनसे सवाल किया गया कि क्या इनके ऊपर कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड है तो इस बारे में डीएसपी ने बताया कि अभी सभी की इंक्वायरी की जाएगी। आगे जैसे-जैसे जांच होगी तो सभी के रिकॉर्ड सामने आते जाएंगे।कैथल के पुलिस उपाधीक्षक ललित कुमार ने बताया कि रविवार को 14 लोगों को दिल्ली हवाई अड्डे से कैथल पुलिस लाइन लाया गया। ये लोग अमेरिका में घुसने के लिए एक खतरनाक रास्ता अपना रहे थे, इस समूह में कलायत, पुंडरी, कैथल, ढांड और गुहला ब्लॉक के लोग शामिल थे, निर्वासित लोगों, जिनकी उम्र ज्यादातर 25 से 40 साल के बीच है, ने अपनी वापसी पर निराशा जताई। उन्होंने ज़मीन बेचकर, पैसे उधार लेकर और बचत करके बेहतर अवसरों की तलाश में अमेरिका में प्रवास करने के लिए काफी पैसा लगाया था, लेकिन ट्रंप सरकार के आने के बाद ऐसे सभी रूटों को बंद कर दिया गया है, जिनसे अमेरिका में अवैध घुसपैठ होती थी। इस साल की शुरुआत में, अमेरिकी अधिकारियों ने पंजाब, हरियाणा और गुजरात से कई युवाओं को निर्वासित किया था।

करनाल के 16 युवकों के नाम

असंध के पोपड़ा गांव निवासी हसन, रहड़ा गांव निवासी अंकुर, सिंघवा गांव निवासी रजतपाल, बांसा गांव निवासी जश्नदीप सिंह, प्योंति गांव निवासी तेजेंद्र सिंह, कलसी गांव निवासी हरीश, गौरगढ़ गांव निवासी विक्रम, बिलोना गांव निवासी गुरजंत सिंह, फुरलक गांव निवासी सचिन मलिक, मंचूरी गांव निवासी मनिंदर सिंह, ओगंद गांव निवासी मनीष कुमार, बीबीपुर गांव निवासी प्रियांशु चहल, निसिंग निवासी देवेंद्र सिंह, गोलपुर गांव निवासी सावन, बस्तलि गांव निवासी तुषार, डोड कारसा गांव निवासी निखिल

कैथल के युवा

तारागढ़ निवासी नरेश कुमार, पीडल निवासी कर्ण, अग्रसेन कॉलोनी निवासी मुकेश, कैथल निवासी ऋतिक, जडोला निवासी सुखबीर सिंह, हाबड़ी निवासी अमित, दमनप्रीत, बुच्ची निवासी अभिषेक, बात्ता निवासी मोहित, पबनावा निवासी अशोक कुमार, सेरधा निवासी आशीष, सिसला निवासी प्रभात, ढांड निवासी सतनाम सिंह

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