उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के सिविल लाइंस थाने इलाके के नंदन स्वीट के पास यूपी एसटीएफ और हाथरस पुलिस की मुठभेड़ हुई. यूपी एसटीएफ और हाथरस पुलिस ने संयुक्त कार्यवाही करते हुए हाथरस से अगवा किए जिओ फाइबर के मैनेजर अभिनव भारद्वाज को किडनैपरों से छुड़ा लिया है. मुठभेड़ के दौरान किडनैपर विशाल के गर्दन में गोली लगी है. जिसको इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया है. इसके अलावा दो आरोपियों को और गिरफ्तार किया गया है. हाथरस जिले में शुक्रवार को अपहरण कर्ताओं ने जिओ फाइबर कंपनी में काम करने वाले मैनेजर अभिनव भारद्वाज को अगवा करते हुए पीड़ित के परिवार को फोन करते हुए बताया गया था वह लोग दिल्ली के कुख्यात बदमाश टिल्लू ताजपुरिया गैंग के किडनैपर हैं. फोन पर आरोपियों ने अभिनव को छोड़ने के एवज में 20 लाख रुपये फिरौती की मांग की थी. पुलिस ने तत्काल ही मामले की गंभीरता को देखते हुए जिओ फाइबर कंपनी के मैनेजर को सकुशल बरामद करने के लिए एक टीम का गठन किया गया था, जिसमें यूपी एसटीएफ और हाथरस पुलिस की टीम शामिल थी.
20 लाख की मांगी थी फिरौती
पुलिस की टीमों ने लगातार आरोपियों की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी थी. आरोपियों ने फिरौती के 20 लाख रुपये मुरादाबाद में मंगाए थे. इसके बाद पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए मुरादाबाद में जाल बिछाया. मैनेजर की पत्नी 20 लाख रुपए लेकर मुरादाबाद पहुंची थी, जहां पर यूपी एसटीएफ और हाथरस पुलिस पहले से ही आरोपियों का इंतजार कर रही थी. आरोपियों ने पुलिस को देखते ही फायरिंग शुरू कर दी.
तीनों बदमाश उत्तराखंड के रहने वाले
जबाबी कार्रवाई में एसटीएफ ने भी गोली चलाई. गोली बदमाश विशाल (28) के गर्दन के पास लगी. उसे गिरफ्तार कर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. वह राजपुरा चौकी धरमोला थाना कोतवाली अल्मोड़ा, उत्तराखंड का रहने वाला है. टीम ने उसके साथी सुजल कुमार (20) निवासी कनैली कोतवाली अल्मोड़ा और करन विष्ट (20) निवासी मालगांव चौकी धरमोला थाना कोतवाली अल्मोड़ा को भी गिरफ्तार कर लिया. सभी बदमाश उत्तराखंड से मुरादाबाद पहुंचे थे. कार में बदमाशों के साथ जियो फाइबर के मैनेजर भी थे. टीम ने उन्हें छुड़ा लिया. बदमाशों के पास से कार, 50 हजार रुपये, मोबाइल आदि भी मिले हैं. बदमाश दिल्ली के कुख्यात बदमाश टिल्लू ताजपुरिया के नाम पर फिरौती की रकम लेने पहुंचे थे. अपहरण के बाद बदमाशों ने फिरौती की रकम की मांग की थी. इसे मुरादाबाद में देना तय हुआ था.