सूर्य उपासना के साथ महापर्व छठ का समापन

समृद्धि न्यूज। सूर्य उपासना के महापर्व छठ का आज समापन हो रहा है। उगते सूर्य को उषा अर्घ्य अर्पित करने के लिए तडक़े से ही श्रद्धालु देशभर के घाटों पर जुट गए हैं। बिहार सहित पूरे देश में छठ पूजा पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई जा रही है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए घाटों पर विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जयसवाल ने छठ पूजा के आखिरी दिन किशनगंज में उगते सूर्य को उषा अर्घ्य दिया। उन्होंने पूजा के बाद कहा यह आस्था का महापर्व है। हमने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया..आज मुझे किशनगंज में छठ पूजा मनाने का अवसर मिला। मैं छठी मैया से लोगों के बीच सद्भाव, आपसी प्रेम और सभी के स्वस्थ एवं समृद्ध जीवन की प्रार्थना करता हूं। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा आज सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पूरा हो गया। देशभर के घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा, नदियों, तालाबों और सरोवरों के किनारे लाखों व्रती महिलाओं ने जल में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया और परिवार की सुख-समृद्धि, संतान की दीर्घायु और समाज में खुशहाली की कामना की। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व ने पूरे देश में धार्मिक उल्लास और भक्ति का अद्भुत वातावरण बना दिया। इस दौरान व्रतियों ने सूर्य देव से घाटों पर पारंपरिक गीतों की गूंज और डूबते सूरज की किरणों के बीच जल में खड़ी महिलाओं ने सूर्य को अर्घ्य देकर अपने व्रत को पूरा किया।

छठी मइया की कृपा सभी पर बनी रहे: पीएम मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने आज सुबह ही पोस्ट कर छठ पर्व के समापन पर कहा, भगवान सूर्यदेव को प्रातरूकालीन अर्घ्य के साथ आज महापर्व छठ का शुभ समापन हुआ। चार दिवसीय इस अनुष्ठान के दौरान छठ पूजा की हमारी भव्य परंपरा के दिव्य दर्शन हुए। समस्त व्रतियों और श्रद्धालुओं सहित पावन पर्व का हिस्सा बने अपने सभी परिवारजनों का हृदय से अभिनंदन, छठी मइया की असीम कृपा से आप सभी का जीवन सदैव आलोकित रहे।

गोरखपुर, वाराणसी और नोएडा के घाटों पर व्रतियों का उमड़ा सैलाब

छठ पूजा का चौथा और आखिरी दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, आज सुबह से ही सभी नदी तटों, तालाबों और कृत्रिम घाटों पर आस्था का अद्भुत नज़ारा देखने को मिला। व्रती महिलाएं और पुरुष अपने परिवार के साथ सूप और डाला में फल, ठेकुआ, गन्ना, नारियल और अलग-अलग तरह के पकवान सजाकर जल में खड़े हुए। जैसे ही सूर्य की पहली किरणें दिखाई दीं, पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। श्रद्धालुओं ने एक स्वर में छठी मैया के गीत गाए और जल तथा दूध से ऊषा अर्घ्य अर्पित किया, सूर्य देव के उदय होते ही, चारों तरफ उत्साह और भक्ति की लहर दौड़ गई। इस क्षण को साक्षी बनाने के लिए लाखों लोगों की भीड़ उमड़ी थी, जिन्होंने दूर-दराज से आकर इस पावन पर्व में हिस्सा लिया।

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