हत्या के मामले तीन सगे भाइयों सहित पांच को आजीवन कारावास

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। हत्या के मामले में अपर जिला जज कक्ष संख्या ९ न्यायाधीश मेराज अहमद ने अभियुक्त जय सिंह, रामवेश, फद्दन पुत्रगण बालादीन, सतीश, शिवकुमार पुत्रगण रामशरण समस्त निवासीगण ढूंडीयापुर थाना नवाबगंज को दोषी करार देते हुए आजीवन करावास की सजा से दंडित किया।
विगत 22 वर्ष पूर्व थाना नवाबगंज क्षेत्र के ग्राम ढूंडीयापुर निवासी रामवीर पुत्र मुंशीलाल ने पुलिस को दी गई तहरीर में दर्शाया कि 16 जनवरी 2003 को लगभग १ बजे मृतक मुखराम मेरे सगे बड़े भाई थे। मुखराम के सगे चचेरे भाई फद्दन, जय सिंह, रामवेश, सतीश, शिवकुमार थे। मुखराम व फद्दन मुकदमे बाजी चल रही थी। इसी कारण उक्त लोग रंजिश मानते थे। मुखराम अपने आलू की फसल मेरे रिश्तेदार आशाराम के साथ फर्रुखाबाद मंडी में बेचने के लिए ट्रैक्टर से ले जा रहे थे। ट्रैक्टर आसाराम का भाई सुधीर चला रहा था। रास्ता कच्चा था, इसलिए ट्रैक्टर धीरे-धीरे चल रहा था। पीछे मेरा भाई भूरेलाल पैदल चल रहे थे। जैसे ही ट्रैक्टर फद्दन के घेर के पास पहुंचा तो सभी उक्त आरोपी एक दम दौडक़र निकले सभी के हाथों में असलहे थे। सतीश के पास बंदूक थी और शिवकुमार के पास लाठी थी, इन लोगों ने ट्रैक्टर जबरदस्ती रुकवा लिया। सभी लोग ललकारने लगे और कहा कि मुखराम आज बचने न पाए जान से मार दो और मुखराम से फायर करने लगे। गोली मुखराम को लगी वह ट्रैक्टर से नीचे गिरा गया। जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गयी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया। विवेचक ने साक्ष्य गवाह के आधार पर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। बचाव पक्ष की दलील व शासकीय अधिवक्ता अखिलेश कुमार राजपूत की कुशल पैरवी के आधार पर न्यायाधीश मेराज अहमद ने अभियुक्त जय सिंह, रामवेश, फद्दन व शिवकुमार को धारा 147 के तहत दो-दो वर्ष का कारावास व दो-दो हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड अदा न करने पर दस-दस दिनों के अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। धारा 148 के आरोप में तीन-तीन वर्ष के कारावास व तीन-तीन हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड अदा न करने पर पन्द्रह-पन्द्रह दिन के अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। धारा 323 के आरोप में छह-छह वर्ष के कारावास व पांच-पांच सौ रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। धारा 302 के आरोप में आजीवन कारावास व 10-10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड अदा न करने पर 40-40 दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अभियुक्त सतीश को धारा 147 के आरोप में दो वर्ष के कारावास व दो हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। धारा 148 के आरोप में तीन वर्ष के कारावास व तीन हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। धारा 323 के आरोप में छह माह के कारावास व पांच सौ रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। धारा 302 के आरोप में आजीवन कारावास व दस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। सभी को धारा 25/27के आरोप में तीन वर्ष के साधारण कारावास व दो हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अभियुक्तों द्वारा जेल में बिताये गयी अवधि को सजा में समायोजित की जायेगी।

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