पाकिस्तान ने काबुल में बरसाई मिसाइल, तालिबान बोला: सब सामान्य है

समृद्धि न्यूज। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में देर रात विस्फोट की आवाज सुनाई दी। घटना के बाद इलाके को बंद कर दिया गया, जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई। हालांकि, तालिबान प्रवक्ता ज़बीहुल्ला मुजाहिद ने सोशल मीडिया पर कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है, जांच जारी है और किसी नुकसान की सूचना नहीं मिली है। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर हमला कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने काबुल में एयर स्ट्राइक की है। रात करीब 9:50 बजे कम से कम दो धमाकों की आवाज सुनी गई। इस हमले से पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने अफगानिस्तान को चेतावनी दी थी, हालांकि, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि इस हमले से किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ। अफगान-तालिबान के प्रवक्ता ने कहा, काबुल शहर में विस्फोट की आवाज सुनी गई। हालांकि, किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है, सब कुछ ठीक है। घटना की जांच चल रही है और अब तक किसी तरह के नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने गुरुवार को अफगान तालिबान को कड़ी चेतावनी दी थी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था कि पाकिस्तान का सब्र अब खत्म हो चुका है। उन्होंने अफगान सरज़मीं का इस्तेमाल पाकिस्तान को निशाना बनाने के लिए कर रहे आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई न होने पर नाराजगी जताई थी। नेशनल असेंबली को संबोधित करते हुए आसिफ ने कहा था, अब बहुत हो चुका उन्होंने चेतावनी दी कि पाकिस्तान अब अफगान जमीन से आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। यह चेतावनी उस समय आई जब ऑरकजई जिले में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के साथ झड़प में एक लेफ्टिनेंट कर्नल और एक मेजर सहित 11 पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी।
यह घटना उसी समय हुई जब अफगान विदेश मंत्री आमिर खां मुत्ताकी भारत दौरे पर नई दिल्ली पहुंचे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जैस्वाल ने एक्स पर लिखा कि भारत और अफगानिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंध और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करने की उम्मीद है। मुत्ताकी का 9 से 16 अक्तूबर तक का दौरा तालिबान के नियंत्रण के बाद काबुल से नई दिल्ली की पहली उच्च स्तरीय यात्रा है। इस दौरान वह अपने भारतीय समकक्ष और वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और दोनों देशों के बीच संबंधों को बढ़ाने और क्षेत्रीय सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत करेंगे। भारत ने अब तक तालिबान शासन को औपचारिक रूप से मान्यता नहीं दी है, लेकिन मानवीय सहायता और क्षेत्रीय सुरक्षा चिंताओं के बीच सीमित कूटनीतिक संपर्क बनाए रखा है। इस साल रूस ऐसा पहला देश बना जिसने तालिबान के इस्लामिक अमीरात को औपचारिक मान्यता दी।

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