करोड़ों का घोटाला करने वाले चपरासी को मिला राजनैतिक संरक्षण

वरिष्ठ कोषाधिकारी व एसडीएम कर रहे है जांच, सचिव से मांगा स्पष्टीकरण
विभाग अधिकारियों के भी शामिल होने की संभावना
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। कायमगंज मंडी हुए करोड़ों रुपये के घोटाले के मामले में जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी ने समृद्धि न्यूज की खबर को संज्ञान में लेकर मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति गठित की है और समिति के सदस्यों को जांच पूरी कर दो सप्ताह के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये है। सबसे पहले समृद्धि न्यूज ने खबर के माध्यम से घोटाले का खुलासा किया था। कई वर्षों से 1,10,42,774  के घोटाले की फाइल आरोपी को राजनैतिक संरक्षण मिलने की बजह से दबाकर रखी गई थी। मण्डी सचिव ने प्रभारी अधिकारी जन सुनवाई फर्रुखाबाद को भेजे गये पत्र में कहा था कि वित्त नियंत्रक राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद लखनऊ के कार्यालय पत्रांक लेखा/सम्परीक्षा/2024-288  दिनांक 15  मई 2024  द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16  से 2022-23 तक (विशिष्ट) विभागीय सम्प्रीक्षा मंडी समिति कायमगंज में हुयी। जिसमें अशोक कुमार सिंह सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी द्वारा अजय राठौर चपरासी कृषि उत्पादन मंडी समिति कायमगंज के कार्यालय में की गयीं अनियमितताओं धनराशि रुपया1,10,42,774.00  की देयता प्रदर्शित की गयी है। जिसके अनुपालन हेतु अजय राठौर चपरासी को इस समिति कार्यालय पत्रांक 79  व 204 दिनांक 25  मई 2024 व 19  सितम्बर 2024  द्वारा स्पष्टीकरण जवाब देने हेतु पत्र प्रेषित किये गये हैं। जिसके जवाब में दिनांक 31  मई 2024  द्वारा बिना किसी तथ्य/साक्ष्य के जवाब प्रेषित किया गया है। उक्त के संदर्भ में जांच कर कार्यवाही करने के संबंध में संबंधित मंडी समिति को अवगत कराने की कृपा करें। उक्त के संबंध में जिलाधिकारी को दिनांक 23  दिसम्बर 2024 को भी अवगत कराया जा चुका था।

28 अप्रैल को प्रकाशित समाचार

प्रभारी मंत्री के सामने करोड़ों के हुए घोटाले की कई वर्ष बीत जाने के बाद कार्यवाही न होने के सवाल पर मंत्री ने डीएम को जांच के लिए निर्देश दिये थे। कायमगंज मण्डी समिति में चपरासी अजय राठौर द्वारा किये गये 1  करोड़ 1042774 रुपये के गवन के मामले में क्या कार्यवाही हुई पूछे जाने पर प्रभारी मंत्री ने बताया था कि मामला अभी संज्ञान में आया है जिलाधिकारी कमेटी बनाकर जांच कराये और जो भी दोषी हो उस पर कार्यवाही करने की बात कही थी। इस दौरान आशुतोष कुमार द्विवेदी ने मंत्री जी को बताया था कि समाचार पढक़र ही मुझे इस प्रकरण की जानकारी हुई है। जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी ने कायमगंज मण्डी में चपरासी द्वारा किये गये 1 करोड़ 1042774 के घोटालें की जांच दो सदस्यीय समिति का गठन कर दिया। जिसमें उपजिलाधिकारी कायमगंज व वरिष्ठ कोषाधिकारी को शामिल किया गया है। डीएम ने जांच कर दो सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये है। वहीं कायमगंज मण्डी में हुए करोड़ों के घोटाले के मामले में डीएम ने मण्डी सचिव से स्पष्टीकरण मांगा है।

फर्रुखाबाद मण्डी में भी आरोपी अपनी आइडी से काट रहा गेट पास, घपले की आशंका

फर्रुखाबाद। कायमगंज मण्डी में दस वर्ष पूर्व मृतक आश्रित से चपरासी के पद पर तैनात अजय राठौर ने गेट पास के जरिए करोड़ों रुपये का घोटाला किया। घोटाले की शिकायत सुनील कुमार ने वर्ष 2014  में की थी। जिसकी जांच सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी अशोक कुमार द्वारा उच्चाधिकारियेां को दी जांच रिपोर्ट में चपरासी अजय राठौर द्वारा 1 करोड़ 1042774 घोटाला होना दर्शाया था। जब आरोपी को लगा की मामला तूल पकड़ सकता है तो राजनैतिक दबाव डलवाकर मामले को दबा दिया। आरोपी के विरुद्ध किसी प्रकार की कार्यवाही न करते हुए उसका स्थानांतरण कमालगंज और कमालगंज से फर्रुखाबाद मण्डी कर दिया गया। इस समय कायमगंज मण्डी में घोटाला हुआ उस समय तत्कालीन सचिव नरेन्द्र सिंह की तैनाती थी। चपरासी पर न ही एफआईआर दर्ज करायी गई और न ही उसका निलंबन हुआ। जिससे उसके हौसले बुलंद है। आरोपी का एक भाई अनुज भी कायमगंज मण्डी में कांटे पर संविदा पर कार्यरत है। सूत्रों की माने अगर सही से जांच हो तो कांटे पर भी गोलमाल निकलेगा। कायमगंज में घोटाला करने वाले अजय राठौर इस समय फर्रुखाबाद मण्डी में तैनात है। मण्डी सूत्रों से मिली जानकारी की यहां पर भी गेट पास अपनी आईडी से काट रहा है। आइडी की जांच करायी जाये तो यहां पर भी लम्बा गोलमाल निकलेगा। फिलहाल यह सब जांच का विषय है। फर्रुखाबाद मण्डी में भी गेट पास के नाम पर घोटाला हुआ था, जिसमें अभय प्रताप के विरुद्ध मामला दर्ज कर जेल भेजा गया था। जो उच्च न्यायालय से जमानत पर चल रहा है। विभाग द्वारा अभी तक उससे भी हुए घोटाले की रकम की रिकवरी करायी गई। इससे यह तो साफ है कि इसमें अन्य लोग भी शामिल हो सकते है। इसलिए तो अभी तक आरोपियों से घोटाला की गई रकम की वसूली नहीं की जा रही है। वहीं शिकायतकर्ता काफी भयभीत है। उसे तरह-तरह की धमकियां मिल रही है।

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