भोजपुर चौकी इंचार्ज सहित तीन के खिलाफ न्यायालय में याचिका दायर

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। भोजपुर चौकी इंचार्ज सहित तीन लोगों के खिलाफ मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी के न्यायालय में याचिका दायर की गयी है।
न्यायालय में दिये गये प्रार्थना पत्र में प्रेमपाल पुत्र सीताराम निवासी कुन्दन नगला थाना कमालगंज
ने कहा है कि पीडि़ता की पत्नी के नाम गाटा संख्या 219 रकवा 3 बीघा स्थित मौजा बहेडिय़ा थाना कमालगंज में संक्रमणीय भूमि है। उक्त आराजी पर पीडि़त द्वारा बाजरे की फसल बोई गयी थी। विपक्षी सुरेश पुत्र सीताराम व उसकी पत्नी रमावती एवं अपने पुत्र की नियत खेत पर खराब है। दिनांक 29.08.2025 को प्रात: 8 बजे जब पीडि़त की पत्नी खेत पर गयी, तो विपक्षीगण पीडि़तकी अधूरी तैयार बाजारा की फसल काट रहे थे। उसके मना करने पर विपक्षीगण गाली-गलौज कर कहने लगे कि चुपचाप यहां से चले जाओ बरना यहां जिन्दा गाड़ देंगे। इस सम्बन्ध में पहले भी कई प्रार्थना पत्र दिय जा चुके है। दिनांक 15.09.2025 को सुबह लगभग 09 बजे पीडि़त की पत्नी को सूचना मिली कि अभियुक्त आज फिर से बाजरा की फसल काट रहे हैं। इस पर पीडि़त की पत्नी मौके पर गयी, तो देखा कि तीनों अभियुक्त बाजरा की फसल काट रहे हैं। मना करने पर तीनों लोग पीडि़त से गुत्थम गुत्था कर घूंसे चलाने लगा। रमावती द्वारा चलाये गये डण्डे से पीडि़त घायल हो गया। पीडि़त की पत्नी पुष्पा देवी शोर मचाने लगी और दौडक़र थाने सूचना देने गयी। दरोगा उमेश कुमार तिवारी चौकी इन्चार्ज भोजपुर चौकी ने थाने पर पत्नी को बैठा लिया और कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की। दरोगा उमेश कुमार तिवारी शुरू से ही अभियुक्तों को फसल काटकर बर्बाद करने हेतु उकसा रहे थे, क्योंकि दिनांक 29.08.2025 को जब पीडि़त की पत्नी दरोगा को बुलाकर लायी तो उनके सामने भी अभियुक्त फसल काटकर बर्बाद करते रहे। दरोगा ने उन्हें नहीं रोका और कहा कि यह राजस्व का मामला है। अभियुक्तों द्वारा इससे पूर्व भी बोई गयी मक्का व आलू की तैयार फसल काटकर 60,000/- रूप्ये का नुकसान कर चुके हैं। पीडि़त ने इस सम्बन्ध में कई बार आई0जी0आर0एस0 के माध्यम से उच्च अधिकारियों को प्रार्थना पत्र भेजे, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। बाबजूद सभी आईजीआरएस प्रार्थना पत्रों में असत्य रूप से खेत विवादित होने की भ्रामक आख्या दी और उन्हीं के षड्यन्त्र से यह सब कार्य हुआ है। इस सम्बन्ध में पीडि़त ने रजिस्टर्ड डाक से भी पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र भेजे। कोई कार्यवाही न होने पर पीडि़त ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में उपरोक्त लोगों के विरुद्ध याचिका दायर की।

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