पीएम मोदी ने 2023 में दिया था जिल बाइडन को सबसे महंगा तोहफा

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन औ उनकी पत्नी जिल बाइडेन को 2023 में विदेशी नेताओं ने हजारों डॉलर के तोहफे दिए थे. जिसका लेखा-जोखा अब सामने आया है. जिसमें भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी का दिया हुआ तोहफा सबसे महंगा था. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को एक रिपोर्ट जारी की है. जिसमें सालों का लेखा-जोखा दिया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी की ओर से दिया गया 7.5 कैरेट का हीरा 2023 में राष्ट्रपति के परिवार के किसी भी सदस्य को मिला सबसे महंगा उपहार है.

जो बाइडेन की पत्नी को मिला सबसे महंगा गिफ्ट

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके परिवार को 2023 में विदेशी नेताओं से लाखों डॉलर के तोहफे मिले, जिनमें सबसे कीमती तोहफा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिल बाइडन को दिया 20 हजार अमेरिकी डॉलर का हीरा है. मोदी की ओर से दिया गया 7.5 कैरेट का हीरा 2023 में राष्ट्रपति के परिवार के किसी भी सदस्य को मिला सबसे महंगा उपहार है. मंत्रालय के दस्तावेज के अनुसार, मोदी द्वारा भेंट किया गया 20 हजार अमेरिकी डॉलर का हीरा ‘व्हाइट हाउस’ के ईस्ट विंग में रखा गया है जबकि राष्ट्रपति तथा प्रथम महिला को मिले अन्य उपहार अभिलेखागार में भेज दिए गए हैं.

एनएआरए को सौंप दिए गए जो बाइडन के तोहफे

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को जारी वार्षिक रिपोर्ट में कहा, राष्ट्रपति जो बाइडन को मिले तोहफों को नेशनल अर्काइव्स एंड रिकॉर्ड्स एडमिनिस्ट्रेशन (एनएआरए) को सौंप दिया गया है। वहीं, प्रथम महिला को दिया गया हीरा ‘ईस्ट विंग’ में आधिकारिक उपयोग के लिए रखा गया है। ईस्ट विंग व्हाइट हाउस के पूर्व दिशा में है। यह हिस्सा मुख्य भवन से जुड़ा है और अक्सर प्रशासनिक कार्यों या अन्य आधिकारिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है। ईस्ट विंग में आमतौर पर प्रथम मिहिला के कार्यालय और अन्य प्रशासनिक विभाग होते हैं।

सूरत की फैक्टरी में तैयार हुआ था हीरा

यह 7.5 कैरेट का हीरा गुजरात के सूरत शहर में एक फैक्टरी में तैयार किया गया था। यहां ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया था, जो धरती के अंदर प्राकृतिक हीरे बनने की प्रक्रिया का कृत्रिम रूप से दोबारा करती है। जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के स्मित पटेल ने कहा, यह हीरा आजादी के 75 वर्षों का प्रतीक था और इसे हरित उर्जा से बनाया गया था। यह भारत के हरित और नवीकरणी उर्जा की दिशा में बढ़ते कदम का प्रतीक था।

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