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प्वाइंट निमो: भारतीय नौसेना की दो वीरांगनाओं ने धरती के आखिरी छोर पर फहराया तिरंग, उपलब्धि बेमिसाल

समृद्धि न्यूज। प्वाइंट नीमो को दुनिया का सबसे सुनसान इलाका कहा जाता है, जिससे सबसे नजदीकी जमीन की दूरी करीब 2700 किलोमीटर है। यहां समुद्र की गहराई करीब 4 किलोमीटर से ज्यादा है और ये क्षेत्र काफी दुर्हम माना जाता है। भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारियों ने इस प्वाइंट को पार कर तिरंगा लहरा दिया है।भारत की बेटियां अपनी क्षमता से देश को अक्सर गौरवान्वित करती हैं। यह कहानी दो ऐसी वीरांगनाओं की है, जिन्होंने लगभग पूरी दुनिया का चक्कर लगाया। नौसेना की लेफ्टिनेंट दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ने भारतीय नौसेना के पोत-INSV तारिणी पर सवार होकर जलयात्रा को सफल बनाया। खास बात ये कि इस अभियान के दौरान उन्होंने दुनिया के आखिरी छोर तक देश का तिरंगा फहराने में सफलता पाई। दोनों ने भारत लौटने के बाद खुद इस रोमांचक अनुभव साझा किया है।

भारतीय नौसेना के पोत-INSV तारिणी पर सवार होकर लेफ्टिनेंट दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा 30 मई को गोवा पहुंचीं। इस दौरान दोनों ने अपने सफल जलयात्रा अभियान नाविका सागर परिक्रमा के रोमांचक अनुभव को साझा किया। उन्होंने बताया कि इस यात्रा के दौरान हमें रास्ते में आए तूफान के चलते मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद भी हमने प्वाइंट निमो पर जाकर तिरंगा फहराने का फैसला किया और हम अपने इस दृढ़ संकल्प को पूरा करने में सफल भी हुए। लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के ने बताया कि यह हमारे लिए बहुत ही गर्व और खुशी का पल था जब हम प्वाइंट निमो पर भारतीय तिरंगा और नौसेना का झंडा फहरा सके। वहां पहुंचने के लिए हमें बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा, क्योंकि उसी रास्ते में एक तूफान आ रहा था। हमें फैसला करना था कि हम रिकॉर्ड बनाने के लिए प्वाइंट निमो जाएं या तूफान से बचने के लिए रास्ता बदल लें, लेकिन हमने तय किया कि हम प्वाइंट निमो जाएंगे और वहां तिरंगा फहराएंगे।
दक्षिण प्रशांत में स्थित प्वाइंट निमो को पार करना काफी ज्यादा मुश्किल माना जाता है, क्योंकि ये रास्ता काफी दुर्गम है। ये दुर्गमता का महासागरीय धु्रव है और इसे पृथ्वी पर सबसे दुर्गम स्थान कहा जाता है। प्वाइंट नीमों से सबसे नजदीकी जमीन करीब 2७०० किलोमीटर दूर है। समाचार एजेंसी ANI रिपोर्ट के मुताबिक, महिला अफसरों की इस उपलब्धि पर इंडियन नेवी की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि यह उपलब्धि, नाविका सागर परिक्रमा मिशन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो भारत की नौसेना खोज के लिए दोनों अधिकारियों की तरफ से पूरा की गई एक परिक्रमा यात्रा है।

प्वाइंट नीमो मिशन के लिए क्यों भेजा गया

दुनिया के दुर्गम हिस्सों की पारिस्थितिक तंत्र की खोज के लिए इन दोनों महिला अधिकारियों को भेजा गया था और इस दौरान दोनों अफसरों ने प्वाइंट नीमो क्षेत्र से पानी के नमूने जमा किए, जिनका विश्लेषण राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान करेगा। इंडियन नेवी के एक बयान में कहा गया है कि इन नमूनों से समुद्री जैव विविधता और पानी की रासायनिक संरचना के साथ साथ समुद्र के बारे में मूल्यवान जानकारियां मिलने की उम्मीद है। भारतीय नौसेना के इन महिला अधिकारियों ने 2 अक्टूबर 2024 को दुनिया का चक्कर लगाने के लिए मिशन को शुरू किया था। उन्होंने गोवा से पोत-INSV तारिणी पर सवार होकर अपनी यात्रा शुरू की थी और 22 दिसंबर को वो न्यूजीलैंड के लिटलटन पोर्ट पहुंची। जहां उन्होंने अपने अभियान का दूसरा चरण पूरा किया। इसके बाद उन्होंने इस महीने न्यूजीलैंड से पोर्ट स्टैनली की यात्रा शुरू की, जो 5600 समुद्री मील की दूरी पर स्थित है और इसी दौरान उन्होंने प्वाइंट नीमो को पार किया।

भारत नारी शक्ति को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं को हर चुनौती का सामना करने के लिए मौका

लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के ने आगे कहा कि हम बहुत खुश हैं कि भारत नारी शक्ति को बढ़ावा देने और महिलाओं को हर चुनौती का सामना करने के लिए ज्यादा मौके दे रहा है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 7 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से एक दिन पहले वीडियो कॉल पर हमसे वादा किया था। उन्होंने कहा था कि वह हमारी वापसी पर झंडा फहराने आएंगे। उन्होंने हमें बताया कि मैंने अपना वादा पूरा किया है। मैं बहुत खुश हूं और गर्व महसूस कर रही हूं कि रक्षा मंत्री खुद आए तारिणी पर झंडा फहराया। यह हमारे लिए बहुत ही सम्मान की बात थी।

धरती के सबसे दूरस्थ स्थान प्वाइंट निमो पर पहुंचे: रूपा

लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ने भी जलयात्रा के रोमांच को साझा किया। उन्होंने बताया कि हम प्वाइंट निमो के सटीक निर्देशांक पर गए थे। यह धरती पर सबसे दूरस्थ स्थान है, जिसे समुद्र का सबसे एकांत कोना कहा जाता है। उस विशेष बिंदु से सबसे नजदीकी इंसान अंतरिक्ष स्टेशन में होते हैं।

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