चार दिनों में ही चकरोड पर उगी घास खोल रही भ्रष्टाचार की पोल
शमशाबाद, समृद्धि न्यूज। एक तरफ जहां सरकार ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए ग्रामीण विकास निधि में लाखों का बजट उपलब्ध करवा रही है। जिससे कि ग्रामीण क्षेत्र के विकास के जरिए गांव की सूरत बदली जा सके। मगर भ्रष्टाचार के दलदल में फंसे कुछ जनप्रतिनिधि जो सरकार के अरमानों पर पानी फेरते हुए शासन की मंसा को पलीता लगा रहे हैं। इतना सब कुछ होने के बावजूद भी भ्रष्टाचार का दायरा बढ़ता ही जा रहा है। प्रधान प्रतिनिधि सरकारी धन का बंदरबांट कर लाखों रुपए के बारे न्यारे कर गांव का विनाश व अपना विकास कर रहे हैं। ऐसा ही एक उदाहरण विकास खंड शमशाबाद क्षेत्र की ग्राम पंचायत ऊगरपुर में देखने को मिला। यहां ग्राम प्रधान श्रीनिवास व रोजगार सेवक लज्जाराम द्वारा डामर रोड से संतोष के बाग तक चक रोड पर मिट्टी का कार्य होना दर्शाया जा रहा है। इस कार्य में चार मास्टर रोल दर्शाकर 35 मनरेगा मजदूरों की हाजिरी मनरेगा पोर्टल पर फर्जीवाड़ा कर अपलोड की जा रही है। यह कार्य पिछले एक सप्ताह से कागजों में ही चल रहा है। जब मौके पर जाकर जानकारी की गई तो ना तो वहां कोई मजदूर नजर आया और ना ही कोई कार्य होता नजर आया। हल्की-फुल्की घास को छीलकर फावड़ा चलाने का अमली जामा पहनाया गया है। यदि चकरोड पर मिट्टी पड़ी है तो फिर दो चार दिनों में उस पर घास कैसे जम आई। जमीं हुई घास प्रधान और रोजगार सेवक के भ्रष्टाचार की पोल चीख-चीख कर खोल रही है। ऐसा ही एक और भ्रष्टाचार विकास खंड की ग्राम पंचायत रसीदपुर तराई में बंगाली के खेत से रामतीर्थ के खेत तक चकरोड पर मिट्टी का कार्य होना दर्शाया जा रहा है। इस कार्य में तीन मास्टर रोल दर्शाकर 27 मनरेगा मजदूरों की हाजिरी मनरेगा पोर्टल पर अपलोड की जा रही है। यह कार्य पिछले 16 दिनों से कागजों में ही दौड़ लगा रहा है। इसी ग्राम पंचायत में दूसरा कार्य सोनू के खेत से रविंद्र के खेत तक सिक्योरिटी पर मिट्टी का कार्य होना दर्शाया जा रहा है। जिसमें तीन मास्टर रोल दर्शाकर 25 मनरेगा मजदूरों की हाजिरी फर्जीवाड़ा कर मनरेगा पोर्टल पर अपलोड की जा रही है। जब यह संबंध में गांव के ग्रामीणों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि उनके यहां ऐसा कोई कार्य जमीनी स्तर पर नजर नहीं आ रहा है। ग्राम प्रधान महेश के द्वारा यह कार्य विकास कार्य सिर्फ कागजों में ही होकर धरातल पर दम तोड़ रहे हैं। उनके गांव में आज तक कोई भी विकास कार्य नहीं कराया गया है और जो भी विकास कार्य हुए हैं वह सिर्फ कागजों में ही पूरे हो गए हैं। प्रधान और रोजगार सेवक द्वारा गांव का विनाश कर अपना विकास कर लिया है।
गांव का विकास नहीं, बल्कि प्रधान का अवश्य हो रहा विकास
