फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश किया गया। इस बजट में मध्यम वर्ग के लिये बहुत सारी सौगातें दी गई। साथ ही विगत वर्षों की तरह इस बजट के साथ भी मोदी सरकार का जो विकास पर फोकस रहा है, वही इस बार भी जारी रहा। कुछ प्रमुख बातें इस बजट की जो रही, उनमे से सबसे प्रमुख रही-12 लाख की आय को कर-मुक्त सीमा कर दिया गया। जो मध्यम वर्ग के लिए बहुत बड़ी राहत है। इससे उपभोग बढऩे की उम्मीद है, जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। बद्री विशाल महाविद्यालय की प्राचार्य व अर्थशास्त्री प्रो0 प्रियदर्शनी ने बताया कि बीमा क्षेत्र को विशेष रूप से लाभ मिलेगा, क्योंकि एफडीआई सीमा को 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर दिया गया है। टीडीएस और टीसीएस नियमों का सरलीकरण और विभिन्न वित्तीय लेन-देन की सीमा में वृद्धि यह दर्शाती है कि सरकार अधिक संगठित कर प्रशासन की दिशा में बढ़ रही है। वित्तीय संतुलन बनाए रखते हुए वित्तीय घाटे का लक्ष्य एफवाई26 के लिए 4.4 प्रतिशत निर्धारित किया है, जो सराहनीय है। इसके अलावा सरकार ने एफवाई26 के लिए अर्थव्यवस्था के सबसे उत्पादक क्षेत्रों में 11.21 लाख करोड़ का पूंजीगत व्यय आवंटित किया है, जिससे पूंजी निर्माण में तेजी आने की संभावना है। कुल मिलाकर यह बजट अर्थव्यवस्था में गति लाएगा। इसमें बजट में दीर्घकालीन विकास पर भी फोकस है और मध्यम वर्गीय के लिए यह बजट अच्छा है। डीएन कालेज के प्रो0 वाणिज्य विभागाध्यक्ष डा0 विनोद कुमार तिवारी ने बताया कि यह बजट प्रधानमंत्री के 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ाया गया एक कदम है। बजट में ज्ञान जीवाईएएन (गरीब, युवा, अन्नदाता एवं नारी) को केंद्र बिंदु में रखकर विकास के अनेक उपाय किये गए हैं। देश के त्वरित विकास के लिए चार प्रमुख इंजिन स्वीकार किये गए। प्रथम कृषि, द्वितीय सूक्ष्म, लघु और माध्यम उपक्रम, तृतीय निवेश और चतुर्थ निर्यात। किसान क्रेडिट काड्र्स ऋण सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करना ठीक है।
सेवानिवृत्त बैंक कर्मी प्रभारी मुकेश गुप्ता ने बताया कि जो केंद्रीय बजट पेश किया गया, सबसे ज्यादा मध्यम वर्गीय एवं नौकर पेशा लोगों का ध्यान रखा गया। आयकर में विशेष राहत की उम्मीद लगाए बैठा था उस उम्मीद को पूरा किया गया है। सबसे ज्यादा मध्यम वर्ग में आने वाले उन वरिष्ठ नागरिकों को फायदा हुआ है जो किसी सरकारी या अन्य संस्थान से सेवानिवृत होने के बाद मिले हुए अपने रिटायरमेंट फंड को ब्याज कमाने के उद्देश्य से किसी भी बैंक में या अन्य वित्तीय संस्थान में जमा करते हैं, क्योंकि उनको इस बार दोहरा लाभ मिला है।
का0बा0इं0का0 की शिक्षिका दर्शना शुक्ला ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि यह बजट मध्यम वर्गीय के लिए अच्छा है। लोकप्रिय बजट से उत्पादन के क्षेत्र में प्रगति आयेगी। उपभोक्ताओं की मांग बढ़ेगी। मंदी की स्थिति से बाहर निकेंगे और रोजगार में वृद्धि के साथ तीसरी अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर होंगे। बजट से आर्थिक विकास में गति प्राप्त होगी। एमएसएमई की परीभाषा में बदलकर उसकी सीमा दो गुना से बढ़ाकर २.५ गुना कर दी है। जिससे इस क्षेत्र में लाभ मिलेगा। इस बजट में दीर्घकालीन विकास भी फोकस है।
सपा नेता नंदकिशोर दुबे ने बताया कि केंद्रीय बजट में मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग, गरीबों, किसानों के लिए बजट में कुछ भी नहीं है। इसमें आधारभूत संरचना के लिए कुछ भी नहीं है, जिससे लोगों को रोजगार मिले। ये 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं का बजट नहीं दिखाई दे रहा हैं, यह मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग, गरीबों, किसानों के सपनों को पूरा करने वाला बजट भी नहीं है। यह अमीरों के निवेश को बढ़ाएगा व मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग के लोगों के निवेश को घटाने का काम करेगा।
12 लाख की आय को कर-मुक्त सीमा में लाकर बजट से मध्यम वर्ग को दी राहत……
