मत्स्य पालन की गतिविधियों से जुड़कर ग्रामीण महिलाएं बनेंगी आर्थिक रूप से समृद्ध व सशक्त

समृद्धि न्यूज़ लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत समूह की महिलाओं को स्वरोजगार एवं आर्थिक सशक्तिकरण प्रदान करने हेतु बायोफ्लॉक पद्धति से मत्स्य पालन की पहल की गई है।इसकी रूपरेखा व कार्ययोजना उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के मार्गदर्शन में उनकी दूरगामी सोच के तहत बनायी गयी है।राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस योजना के तहत प्रदेश के 10 जनपदों के 40 विकासखंडों में कार्य किया जा रहा है।इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, मत्स्य पालन विभाग एवं Naturegenix संस्था के मध्य त्रिपक्षीय अनुबंधन (एमओयू) किया जा चुका है।इस परियोजना के अंतर्गत बायोफ्लॉक तकनीक द्वारा सिंघी मछली का पालन किया जा रहा है,जिससे न्यूनतम जल उपयोग में अधिकतम उत्पादन संभव हो सकेगा।प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपदों को समूह की महिलाओं के साथ Biofloc पद्धति से मत्स्य पालन किये जाने हेतु प्रत्येक जनपद द्वारा 20 प्रोड्यूसर ग्रुप का गठन किया जाना है।इस क्रम में जनपद
गोरखपुर में 04,बांदा में 14, महोबा में 06,देवरिया मे 16, बहराइच में 08, बस्ती में 12, बाराबंकी में 15, सुल्तानपुर में 15,फतेहपुर मे12 व सन्त कबीर नगर में 26 प्रोड्यूसर ग्रुप का गठन किया जा चुका है,जिसमें कुल 1661 महिलाएं सम्मिलित हुई हैं।योजना के क्रियान्वयन में टॉप के जनपद संत कबीर नगर, पहले पायदान पर है,देवरिया एवं सुल्तानपुर जिले अग्रणी जिलों की श्रेणी में हैं।

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