संतों ने प्रशासन को चेताया, मेले में व्याप्त समस्याओं का निराकरण न हुआ, तो करेंगे अनशन

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। श्री पंचदश नाम अग्नि अखाड़ा दण्डी मंडल संत समिति के अध्यक्ष ने जिलाधिकारी को दिये गये ज्ञापन में कहा है कि यदि मेला क्षेत्र में व्याप्त अव्यवस्थाओं को तीन दिन के अंदर निराकरण नहीं होता, तो सभी संत अनशन करने को मजबूर होंगे।
दिये गये ज्ञापन में मांग की गयी है कि मेला रामनगरिया हेतु पैन्टूल पुल अभी तक नहीं बन पाया, जबकि मेला के कुछ ही दिन शेष रह गये हैं। पैन्टून पुल का निर्माण शीघ्र करवाया जाये। मेला भूमि का समतलीकरण नहीं हो पाया और न ही अभी तक बेरीकेटिंग हो पायी है और न ही रास्ते बनाये गये हैं। मेले में मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं जैसे हैण्डपम्प, शौचालय व बिजली की व्यवस्था भी अभी तक नहीं की गयी हैे। गत वर्ष हैंडपंप ठेकेदार ने पुराने हैंडपंप लगा दिये थे तथा बिजली के तार भी पुराने थे जो कि पूरे मेला भर खराब होते रहे थे। शोैचालय का काम भी ठीक नहीं था और सफाई कार्य भी सुचारु रुप से नहीं हुआ था। इस वर्ष इन चीजों पर विशेष ध्यान रखा जाये, आवारा पशु संतों की राउटी फाड़ देते हैं। इन्हें गौशाला में बंद करवाया जाये, गत वर्ष संतों में आपसी विवाद के कारण संतों का कोई सम्मान नहीं किया गया था। संतों का गत वर्षों की तरह सम्मान किया जाये, मेले में पूर्वी तरफ व पश्चिमी तरफ कल्पवासी कम रहते हैं। मध्य क्षेत्र में अधिक रहते हैं। इसलिए सुविधायें मध्य में अधिक दी जायें, मेले में आने वाले बाहरी संतों के लिए आवास की व्यवस्था की जाये, सुरक्षाकर्मी की व्यवस्था क्षेत्र के हिसाब से की जाये। मध्य में जहां दण्डी मंडल संत समिति के अध्यक्ष रहते हैं वहां सुरक्षा नाम मात्र की होती है, जबकि अन्य तरफ अधिक होती है। संत समिति अध्यक्ष हेतु सुरक्षाकर्मी क्षेत्र के हिसाब से तैनात किये जायें, निर्मोही अखाड़ा के अध्यक्ष स्वामी बालकदास थे वह ब्रह्मलीन हो गये। उनके अधिकार मोहनदास को दिये गये। वह भी अपने को अध्यक्ष बताते हैं तथा बन्धा पर बटेश्वर बाबा भी अपने को अध्यक्ष बताते हैं। अग्नि अखाड़ा के दण्डी मंडल के अध्यक्ष रामप्रकाश दण्डी मंडल के अध्यक्ष वृद्धतम हैं तथा दिखायी भी नहीं पड़ता है और सुनाई भी नहीं पड़ता है तथा मानसिक संतुलन भी ठीक नहीं है। इस कारण दण्डी मंडल ने वर्ष २०२३ को एक मीटिंग करके सर्वसम्मति से शिवस्वरुप (बच्चा स्वामी) को अपना अध्यक्ष चुना था। जूना अखाड़ा के अध्यक्ष सत्यगिरी को माना जाता है, लेकिन उनके ही स्थान के लोग ब्रह्म चैतन्य गिरि को २०२४ से मीटिंग करके अध्यक्ष होना बताते हैं। इसलिए तीनों समितियों के अध्यक्षों के आपसी विवाद का निस्तारण करवाया जाये। यात्रियों की सुविधा के लिए एक और पैन्टून पुल का निर्माण करवाया जाये, पांचाल घाट से पश्चिम की ओर गंदा नाला गंगाजी में गिर रहा है वह तत्काल बंद कराया जाये, मेले के अंदर अल्पसंख्यक मुस्लिम का प्रवेश वर्जित किया जाये, मेले में संत सम्मेलन होता था, उसे बंद कर दिया गया है, उसे पुन: चालू कराया जाये आदि मांगें शामिल हैं। यदि इन सभी समस्याओं का जिला प्रशासन ने निस्तारण नहीं कराया, तो तीन दिन बाद अनशन करने के लिए बाध्य होंगे। श्री पंचदश नाम अग्नि अखाड़ा दण्डी मंडल संत समिति के अध्यक्ष शिवस्वरुप (बच्चा स्वामी) ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जिला प्रशासन न चेता, तो अनशन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *