- 05 जनवरी को प्रयागराज में बिजली पंचायत आयोजित
- सलाहकार नियुक्त करने की प्रबंधन की कोशिश से बिजली कर्मियों में भारी आक्रोश
समृद्धि न्यूज़, लखनऊ। बिजली के निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति का जन जागरण अभियान जारी है। इसके लिए 5 जनवरी को प्रयागराज में बिजली पंचायत भी आयोजित की गई है। समिति ने चेतावनी दी है कि निजीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ करने हेतु पावर कार्पोरेशन प्रबंधन कंसल्टेंट की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ न करें अन्यथा अनावश्यक तौर पर ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति का वातावरण बनेगा।संघर्ष समिति के पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय, सुहैल आबिद, पी.के. दीक्षित, राजेंद्र घिल्डियाल, चंद्र भूषण उपाध्याय, आर वाई शुक्ला, छोटेलाल दीक्षित, देवेन्द्र पाण्डेय, आर.बी सिंह, राम कृपाल यादव, मो.वसीम, मायाशंकर तिवारी, राम चरण सिंह, मो. इलियास, श्रीचन्द, सरजू त्रिवेदी, योगेन्द्र कुमार, ए.के. श्रीवास्तव, के.एस. रावत, रफीक अहमद, पी एस बाजपेई, जी.पी. सिंह, राम सहारे वर्मा, प्रेम नाथ राय, विशम्भर सिंह एवं राम निवास त्यागी आदि ने एक बयान जारी कर कहा है कि यह पता चला है कि पावर कार्पोरेशन प्रबंधन पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु कंसल्टेंट नियुक्त करने की प्रक्रिया प्रारंभ करने जा रहा है। जिसकी वजह से बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा है। समिति का कहना है ऊर्जा निगमों में इससे अनावश्यक तौर पर औद्योगिक अशांति का वातावरण उत्पन्न होगा और कंसल्टेंट की नियुक्ति में भी बेवजह भारी धनराशि खर्च भी होगी। कंसलटेंट कॉर्पोरेट घरानों से ही होते हैं और कंसलटेंट ऐसा आरएफपी डॉक्यूमेंट तैयार करते हैं, जो संबंधित कॉरपोरेट घराने को सूट करता है। यह एक प्रकार से मिली भगत का खेल होता है, जिसे रोका जाना चाहिए। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने इसके लिए आज प्रतापगढ़ और प्रयागराज में सभाएं कीं। कल भदौही और मिर्जापुर में जन जागरण अभियान के तहत सभाएं करेगी और 5 जनवरी को समिति द्वारा प्रयागराज में बिजली पंचायत आयोजित की गई है।