कायमगंज, समृद्धि न्यूज। तहसील सभागार में 25 जून 1975 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा लगाए गए आपात काल के विरोध में संगोष्ठी का आयोजन किया गया तथा उस सम जेल गये लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में दुग्छ संघ अध्यक्ष सत्यपाल सिंह ने कहा कि आपातकाल के दौरान वह कक्षा 1 के छात्र थे। भारत देश की जनता में पूर्ण रूप से भय व्याप्त था। लोगों को जबरदस्ती पकड़ कर नसबन्दी कराई जा रही थी। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ एक देशभक्तों को ढूंढ-ढूंढकर जेल भेजा जा रहा था। पूरे देश में लगभग एक लाख चालीस हजार लोगों को जेल भेजा गया। इस दौरान 22 लोगों की जेल में ही मृत्यु हो गयी। संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रही डा0 मिथलेश अग्रवाल ने बताया कि जो लोग आज लोकसभा में संविधान की प्रतिमा लेकर देश की जनता को गुमराह कर रहे है और अपने को देश का सबसे बड़ा शुभचिंतक बता रहे हैं। एक समय रातोंरात आपातकाल लगाकर इन्हीं के द्वारा लोकतंत्र को अपमानित करने का काम किया गया था। डा0 बी के0 गंगवार ने बताया उस समय इन्दिरा गांधी की तानाशाही इतनी चरम पर भी कि वो कहती थी इण्डिया इज इन्दिरा और इंदिरा इज इडिया और खुद को भी समझने लगी थी और इसके खिलाफ पूरे देश में एक आक्रोश था। इस दौरान रातोंरात अपने मंत्री परिषद को बिना अवगत कराए आपातकाल राष्ट्रपति को दवाव में लेकर लगा दिया। इस अवसर पर लोकतंत्र सेनानी रामसिंह, राधेश्याम राजपूत, कृष्णवीर सिंह गंगवार, कैलाश चन्द्र उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन अमरदीप दीक्षित ने किया।