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महाकुंभ में अब तक 60 लाख लोगों ने लगाई आस्था की डुबकी

प्रयागराज। आधी रात से ही श्रद्धालु मेला क्षेत्र में विभिन्न रास्तों से प्रवेश करने लगे और संगम पर भीड़ बढ़ने लगी थी। हर-हर गंगे और जय गंगा मैया के घोष के बीच स्नान शुरू हुआ तो सुबह का उजाला होते होते संगम नोज स्नानार्थियों से पट गया।संगम क्षेत्र में सोमवार से ही माह भर का कल्पवास भी प्रारंभ हो गया। मुख्‍यमंत्री योगी ने कहा, ”विश्व के विशालतम आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक समागम ‘महाकुम्भ’ का आज से तीर्थराज प्रयागराज में शुभारंभ हो रहा है। अनेकता में एकता की अनुभूति के लिए, आस्था एवं आधुनिकता के संगम में साधना एवं पवित्र स्नान के लिए पधारे सभी पूज्य सन्तों, कल्पवासियों, श्रद्धालुओं का हार्दिक स्वागत है। माँ गंगा आप सभी की मनोकामना पूर्ण करें। महाकुंभ प्रयागराज के शुभारंभ एवं प्रथम स्नान की मंगलमय शुभकामनाएं। सनातन गर्व-महाकुम्भ पर्व।” स्थानीय और दूर दराज के जिलों से आये लोगों ने पुण्य की डुबकी लगाई। इस बीच पुलिस और सिविल डिफेंस के वॉलंटियर सीटियां बजाते लोगों को नियंत्रित करते रहे। स्नान के दौरान किसी को परेशानी न हो इसलिये टोलियों में फैल कर घाट पर भीड़ का संतुलन बनाये रहे। घाट पर लगे लाउडस्पीकर और हैंड लाऊडर से भी भीड़ को नियंत्रित करने का क्रम चलता रहा।संगम समेत अन्य स्नान घाटों पर सुबह सात बजे तक भीड़ बढ़ गई। तब तक करीब चार लाख लोगों के स्नान कर लेने का अनुमान प्रशासनिक स्तर पर लगाया गया। हालांकि, कोहरे से आज राहत रही, शीतलहर भी कम ही चली। इस बीच आसमान साफ रहा।

भारतीय आध्यात्मिक परंपरा का विराट उत्सव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी। पीएम ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा कि पौष पूर्णिमा पर पवित्र स्नान के साथ ही आज से प्रयागराज की पुण्यभूमि पर महाकुंभ का शुभारंभ हो गया है। हमारी आस्था और संस्कृति से जुड़े इस दिव्य अवसर पर मैं सभी श्रद्धालुओं का हृदय से वंदन और अभिनंदन करता हूं। भारतीय आध्यात्मिक परंपरा का यह विराट उत्सव आप सभी के जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करे, यही कामना है।

पौष पूर्णिमा के पहले स्नान पर्व पर संगम तट पर श्रद्धालुओं का अद्भुत दृश्य देखने को मिला. आधी रात से ही लोग गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए जुटने लगे. हर-हर गंगे और जय श्रीराम के जयकारों से पूरा मेला क्षेत्र गूंज उठा. बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं सुबह-सवेरे से ही स्नान के लिए उत्साह के साथ पहुंचे. सिर पर गठरी का भारी वजन भी उनके हौसले को डिगा नहीं सका. भारी संख्या में श्रद्धालु सुबह 8:00 बजे तक लगभग 40 लाख श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके थे. इस बार युवाओं में सनातन संस्कृति और अध्यात्म के प्रति गहरी रुचि देखने को मिली. संगम स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना और दान-पुण्य में भाग लिया. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने परंपरा और धर्म की भावना को सशक्त बनाया.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मेला क्षेत्र में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए. इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर से चप्पे-चप्पे पर निगरानी की गई. डीआईजी और एसएसपी ने व्यक्तिगत रूप से भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा की निगरानी की. अतिरिक्त पुलिस बल को रातभर सक्रिय रखा गया.

सनातन संस्कृति का उत्सव

इस बार युवाओं में सनातन संस्कृति और आध्यात्मिकता के प्रति खासा उत्साह देखने को मिला। संगम स्नान और दान-पुण्य में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम तट पर पूजा-अर्चना और दान कर पुण्य लाभ अर्जित किया।

असाधारण अनुभव प्राप्त हुआ

विदेशी श्रद्धालु ने पवित्र स्नान किया। स्नान करने के बाद उन्होंने कहा कि बहुत विनम्र, विशेषाधिकार प्राप्त, असाधारण अनुभव प्राप्त हुआ।

पौष पूर्णिमा को हमारे संरक्षण के लिए समर्पित किया जाना चाहिए- चिदानंद सरस्वती

ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम के आध्यात्मिक प्रमुख चिदानंद सरस्वती ने कहा, “आज पौष पूर्णिमा पर पवित्र स्नान करने वाले लोगों के चेहरे पर मैंने जो खुशी देखी, वह अविश्वसनीय थी। पौष पूर्णिमा को हमारे संरक्षण के लिए समर्पित किया जाना चाहिए। पीएम मोदी ने भी कहा है ‘एक पेड़ माँ के नाम’। नदियों को बचाने और पेड़ लगाने के संकल्प के साथ वापस जाना चाहिए।”

इटली के श्रद्धालु ने कहा- यह बहुत शक्तिशाली है

महाकुंभ मेला में पहुंचे एक इटली के भक्त ने कहा, “यह बहुत शक्तिशाली है। अभी मेरे मन में बहुत सारी भावनाएं, रंग और सब कुछ है। यह भारत में मेरा पहली बार है।’

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