सुप्रीम कोर्ट ने संभल में जामा मस्जिद के पास कुंए में पूजा करने पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने संभल की शाही जामा मस्जिद के विवाद में उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से स्टेट्स रिपोर्ट मांगी है। संभल शाही जामा मस्जिद प्रबंधक कमेटी की याचिका पर यह नोटिस जारी किया गया है। याचिका में मस्जिद कमेटी प्रबंधन ने मांग की थी कि जिलाधिकारी को निर्देश दिया जाए कि यथास्थिति बरकरार रखी जाए। दरअसल जिस निजी कुएं की खुदाई की जा रही है, वह मस्जिद की सीढ़ियों के पास स्थित है। 

नई दिल्ली/संभल: सुप्रीम कोर्ट ने संभल की शाही जामा मस्जिद की कमिटी की याचिका पर सुनवाई के दौरान संभल नगर पालिका द्वारा जामा मस्जिद के पास स्थित कुएं के संबंध में जारी नोटिस के तामील पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के दौरान नोटिस जारी किया है। याचिका में कुएं के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने की गुहार लगाई गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि संभल के शाही जामा मस्जिद के परिसर में स्थित कुएं के संबंध में उनकी इजाजत के बगैर कोई कदम न उठाए जाएं। अदालत ने दो हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। नगर पालिका ने कुंए में पूजा करने संबंधी नोटिफिकेशन जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी को सुनवाई के दौरान निर्देश दिया कि संभल नगर पालिका द्वारा संभल मस्जिद के पास स्थित कुएं के संबंध में जारी नोटिस पर अमल न किया जाए। यह मामला उस याचिका की सुनवाई में उठाया गया जो संभल शाही जामा मस्जिद समिति ने सर्वे के खिलाफ दायर किया था। याचिका में 19 नवंबर, 2024 को ट्रायल कोर्ट द्वारा सर्वेक्षण के आदेश को चुनौती दी गई थी। उक्त मामले में दावा किया गया था कि मुगल काल की संरचना एक प्राचीन मंदिर को नष्ट कर बनाई गई थी।

कुएं की पूजा पर रोक

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की सदस्यता वाली पीठ ने प्रशासन को यह भी निर्देश दिया है कि वे नगर पालिका के नोटिस पर कार्रवाई न करें, जिसमें सार्वजनिक कुएं को हरि मंदिर बताया गया है और उसकी पूजा की इजाजत दी गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में पूजा पर रोक लगा दी है। हालांकि कुएं के सार्वजनिक इस्तेमाल की छूट है। संभल शाही जामा मस्जिद प्रबंधन कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। ट्रायल कोर्ट ने 19 नवंबर 2024 को मस्जिद के सर्वे का निर्देश दिया था। मस्जिद कमेटी की तरफ से वरिष्ठ वकील हुफैजा अहमदी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। वहीं वादी पक्ष की तरफ से वरिष्ठ वकील विष्णु शंकर जैन पेश हुए। जैन ने अदालत में कहा कि कुआं मस्जिद के बाहर स्थित है। वहीं अहमदी ने कहा कि कुआं आधा अंदर और आधा मस्जिद के बाहर है। अहमदी ने ये भी दावा किया कि कुआं मस्जिद के इस्तेमाल के लिए ही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कुएं का इस्तेमाल अगर मस्जिद के बाहर से हो रहा है तो इसमें कोई आपत्ति नहीं है।

अदालत में दलीलें

  • हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने तर्क दिया कि कुआं मस्जिद के बाहर है और यह विशेष अनुमति याचिका का विषय नहीं होना चाहिए।
  • मस्जिद समिति के वकील ने दावा किया कि कुआं आधा अंदर, आधा बाहर है।
  • उत्तर प्रदेश सरकार के वकील कर्नल (सेवानिवृत्त) आर बालासुब्रमण्यम ने कहा कि स्थिति शांतिपूर्ण है और वे मुद्दा खड़ा करना चाहते हैं।
  • अहमदी ने आरोप लगाया कि राज्य का रवैया पक्षपातपूर्ण है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *