पुलिस से नहीं तथाकथित दलालों से परेशान हैं फरियादी

  • कोतवाली गेट पर ही फरियादियों को घेर लेते हैं दलाल
  • कोतवाली जाने से कतराने लगे हैं फरियादी
  • सुबह से देर रात तक कोतवाली मे डेरा जमाए रहते हैं 4 तथाकथित दलाल

छिबरामऊ कन्नौज। छिबरामऊ कोतवाली वर्तमान समय मे दलालों का अड्डा बनकर रह गई है इस कोतवाली मे पुलिस कर्मियों आने वाले फरियादी से परेशान नहीं है लेकिन कोतवाली परिसर मे तथकथित दलालों का इतना आतंक है की दूर दराज से आने वाले फरियादी अब इन दलालों से परेशान होने लगे है यह लोग कोतवाली गेट के पास मे ही बने एक खम्बे पर बैठे रहते है जैसा ही एप्लिकेशन लेकर कोई आता है यह तथाकथित जो कभी लोगो के आफिसों में खाना बनाते थे अब वो नगर के होनहार बन रहे है जिनकी न तो कोई लेखनी है न कुछ आता जाता है लेकिन साहब की जेब मे एक पेन एक मोबाइल और एक मोटरसाइकिल जरूर होगी और दूसरों के सहारे वो अपने हिस्से की घटनाओं का वर्णन करवाते है फिर एक पीडीफ आती है सुबह उसे अफसरों को भेज के अपनी लेखनी का लोहा मनवाते है फिर कोतवाली में साहब के चेम्बर में पड़ी अच्छी कुर्सियां पर बैठकर चाय पीते है कभी कभी इनकी तालीम भी शक के दायरे में आती है तालीम की नही ली है क्या करे साहब बेरोजगारी इतनी हावी है यंह लोग दूर दराज के गांवों से आकर पीड़ितों का खून चूसते है मेडिकल की मजरूमी चिट्ठी के नाम पर तो कभी मेडिकल में बड़ी धारा लगवाने के नाम पर इन लोगो की कोतवाल साहब के हमराहो से अच्छी सटिंग भी है आखिर ले देकर काम करा ही देते है कभी कभी यह लोग 151 करा कर ही बीसो हजार रूपये पीडितो से ठग लेते है । इतना ही नहीं सुबह से लेकर शाम तक कोतवाली मे दलाल अपना डेरा जमाए रहते हैं पीडि़त फरियादी के थाने पहुंचने से ही पहले यह दलाल उन्हें कोतवाली गेट पर घेर लेते हैं और कोतवाली के बाहर या कोतवाली परिसर मे ही उनसे दलाली करने लगते हैं इन दलालों द्वारा अपने को कोतवाली का असरदार बताया जाता है। पीड़ित कोतवाल और उप निरीक्षक से मिलने की बात कहता है तो इन दलालों द्वारा कुछ पुलिसकर्मियों से फरियादी को वापस करवा दिया जाता है। जिससे छिबरामऊ कोतवाली मे पहुंचने वाले फरियादी पुलिस से नहीं अब दलालों से पूर्ण रूप से परेशान हो चुके हैं। पीड़ितों ने जनपद के पुलिस अधीक्षक से मांग करते हुए कहा की कोतवाली मे सक्रिय दलालो पर रोक लगाई जाए जिससे हम फरियादी कोतवाल तक पहुंच कर अपनी समस्या बता सकें।
विवरण के अनुसार कन्नौज पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार ने जनपद के सभी थानेदार और कोतवालों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी थानेदार और कोतवाल थाने और कोतवाली में बैठकर दूरदराज से आने वाले फरियादियों की समस्याओं को सुनकर उनकी समस्याओं का निस्तारण करेंगे वहीं जनपद के पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सुबह 10: बजे से पुलिस ऑफिस मे बैठ कर दूरदराज से आने वाले फरियादियों की समस्याओं को सुनकर उनका निस्तार करवाने का कार्य करते हैं। पुलिस अधीक्षक के आदेश पर कोतवाली और थानों मे कोतवाल भी बैठकर दूर दराज से आने वाले फरियादियो की समस्याएं सुनकर और निस्तारण करवाने का भी कार्य करते हैं। लेकिन वर्तमान समय मे छिबरामऊ कोतवाली मे दलालों का आतंक कायम है यहां पर आने वाले फरियादी पुलिस से नहीं अब दलालों से पूरी तरह से परेशान हो चुके हैं कई फरीदियों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर हमारे प्रतिनिधि को बताया की कोतवाली में पहुंचने से पहले ही कोतवाली में सक्रिय दलाल गेट पर ही हम लोगों को घेर लेते हैं। जब इन दलालों से हम कोतवाल या उप निरीक्षक से मिलने की बात कहते हैं तो इन दलालों द्वारा कहा जाता है कि हम कोतवाली के असरदार हैं बिना मेरे यहां पर कोई काम नहीं होगा फिर क्या यह दलाल पीडि़त फरियादी को थाने के बाहर या थाना परिसर मे ही इधर-उधर ले जाकर हजारों का सौदा कर लेते हैं। इतना ही नहीं अगर कोतवाल से मिलने की फरियादी बात कहता है तो इन दलालों के मुंह लगे पुलिसकर्मी पीडि़त फरियादी को थाने से भागा भी देते हैं। जिससे पीडि़त फरियादी कोतवाल तक नहीं पहुंच पाता है न ही अपना दर्द बता पता है कोतवाली मे सक्रिय दलालों की जानकारी पुलिस के जिम्मेदारों को होने के उपरांत भी आज तक इस दलाली की खेल को बंद नहीं करवाया गया जिससे बेखौफ होकर इन दलालों द्वारा सुबह से लेकर शाम तक कोतवाली परिसर में डेरा जमा कर आने जाने वाले फरियादियों को अपने चंगुल मे फास कर उनसे मोटा धन वसूलकर अपने ही माध्यम से संबंधित हल्का प्रभारी या चौकी प्रभारी से पीड़ित का कार्य करवा देते हैं। इतना ही नहीं कोतवाली मे सक्रिय दलालों के माध्यम से ही अधिकांश हल्का प्रभारी और चौकी प्रभारी कार्य करते हुए देखे जा सकते हैं। वहीं कई फरियादियों ने यह भी बताया की कोतवाली मे तैनात
कोतवाल वास्तव मे ईमानदार व्यक्ति है और आने जाने वाले फरियादियों की समस्याओं को सुनकर उनका निस्तारण स्वयं करते हैं लेकिन कोतवाली परिसर मे सक्रिय दलालों के मुंह लगे पुलिस कर्मियों द्वारा कोतवाल तक पीडि़त फरियादी की समस्या पहुंचने से पहले ही दलाल पुलिस कर्मियों से पीडि़त फरियादी को रुतबा जमा कर समझौता करवा देते हैं।
फिर दलाल और दलाल के मुंह लगे पुलिसकर्मी मिलने वाले धन का आपस मे ही बंदरवाट कर लेते हैं ।सूत्रों की अगर मने तो दलाल द्वारा खुद ही किसी युवक से दूसरे युवक के विरूध प्रार्थना पत्र अपने मुंह लगे पुलिस कर्मियों को दिलवाने के बाद समझौते के नाम पर हजारों रुपए वसूलने का खेल कोतवाली मे जारी है। कोतवाली मे फैले दलालों के आतंक से पीडि़त फरियादी अब कोतबाली में जाने से भी कतराने लगे हैं। पीड़ितों ने जनपद के पुलिस अधीक्षक से मांग करते हुए कहा की साहब पुलिस से नहीं अब हम लोग दलालों से पूरी तरह परेशान हो चुके हैं। साहब कोतवाली मे सक्रिय दलालों पर अंकुश लगाया जाए। जिससे हम पीडि़त फरियादी अपना दर्द कोतवाल को सुना सके और हमें न्याय मिल सके।

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