पटियाला हाउस कोर्ट मुम्बई में 26/11 आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को 18 दिन की हिरासत में भेज दिया है। एनआईए ने 20 दिन की हिरासत की मांग की थी। अब राणा 18 दिनों तक एनआईए की हिरासत में रहेगा। इस दौरान एजेंसी उससे 2008 के घातक हमलों के पीछे की पूरी साजिश का पता लगाने के लिए विस्तार से पूछताछ करेगी। हमले में 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे।
नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 2008 में 26 नवंबर को मुंबई में हुए आतंकी हमलों के आरोपी और साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को 18 दिनों की एनआईए की हिरासत में भेज दिया है. एडिशनल सेशंस जज चंदर जीत सिंह ने एनआईए हिरासत में भेजने का आदेश दिया.
एनआईए ने तहव्वुर राणा को पटियाला हाउस कोर्ट में 10 अप्रैल को करीब दस बजे रात पेश किया था. एनआईए ने 10 अप्रैल की शाम को तहव्वुर को दिल्ली के पालम वायुसेना अड्डे पर उतरते ही गिरफ्तार कर लिया. वायुसेना अड्डे से तहव्वुर राणा को बख्तरबंद गाड़ी में पटियाला हाउस कोर्ट लाया गया.
एनआईए की ओर से वरिष्ठ वकील दायन कृष्णन और स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर नरेन्द्र मान ने 20 दिनों की एनआईए हिरासत की मांग की. एनआईए ने कहा कि तहव्वुर राणा से साक्ष्यों के साथ पूछताछ करनी है. एनआईए ने कहा कि इस आतंकी घटना की साजिश के खुलासे के लिए पूछताछ जरुरी है. तहव्वुर राणा की ओर से दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से वकील पीयुष सचदेवा ने कोर्ट में पैरवी की.
NIA मुख्यालय लाया गया आतंकी राणा
अदालत ने शुक्रवार को राणा को 18 दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया, जिसके बाद उसे पटियाला हाउस अदालत परिसर से दिल्ली पुलिस के विशेष हथियार और रणनीति (एसडब्ल्यूएटी) और अन्य सुरक्षाकर्मियों के भारी सुरक्षा काफिले में एनआईए मुख्यालय लाया गया.
तहव्वुर राणा से पूछताछ की तैयार होगी डायरी
तहव्वुर राणा की कस्टडी के दौरान NIA रोजाना पूछताछ की एक डायरी तैयार करेगी. और आखरी दौर की पूछताछ के बाद उसका डिस्कोलजर स्टेटमेंट में उसे रिकॉड पर ले लिया जाएगा. जो केस डायरी का हिस्सा होता है. BNS में प्रावधान है कि हर 48 घंटे में आरोपी का मेडिकल करवाया जाए. बाकी कोर्ट ऑर्डर को NIAफॉलो करेगी. पूछताछ से बचने के लिए राणा खुद को कस्टडी के दौरान नुकसान न पहुचाए, उसका विशेष ध्यान रखा जाएगा.
17 साल बाद भारत में पेशी
26/11 मुंबई हमले में 174 लोगों की जान गई थी और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस हमले को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने अंजाम दिया था। राणा पर आरोप है कि उसने इस हमले की साजिश में अहम भूमिका निभाई थी । 2011 में भारतीय अदालत ने उसे दोषी ठहराया था, लेकिन वह उस समय अमेरिका में था। 2009 में अमेरिका में उसकी गिरफ्तारी हुई थी, और तब से वह प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहा था।
कौन है तहव्वुर हुसैन राणा?
तहव्वुर हुसैन राणा एक पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक है, जो पहले पाकिस्तान सेना में डॉक्टर के रूप में कार्यरत था। 1990 के दशक में वह कनाडा चला गया और 2001 में कनाडाई नागरिकता हासिल की। बाद में वह शिकागो में बस गया, जहां उसने कई व्यवसाय शुरू किए, जिसमें एक इमिग्रेशन कंसल्टेंसी भी शामिल थी। राणा पर लश्कर ए तैयबा के साथ संबंधों और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।