49 वर्षों से चली आ रही परंपरा का विधिवत हुआ निर्वहन
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। फतेहगढ़ में 49 वर्षों से चली आ रही तुलसी-शालिग्राम विवाह की परंपरा का निर्वहन किया गया। इस अवसर पर भोर 3 बजे तुलसी विवाह की बारात निकाली गई। जिसमें बढ़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
बारात की शोभायात्रा एलआईसी तिराहा स्थित शिव मंदिर से शुरू हुई। यह नगर भ्रमण करती हुई गंगा तट बरगदिया घाट पहुंची। बरगदिया घाट पर भगवान शालिग्राम और तुलसी महारानी का विवाह वैदिक रीतिरिवाजों से संपन्न हुआ। इस दौरान भजन-कीर्तन, ढोल-नगाड़ों की थाप और आतिशबाजी का आयोजन किया गया। सजे-धजे रथों पर भगवान गणेश, रिद्धि-सिद्धि, गंगा मैया, तुलसी महारानी और भगवान शालिग्राम के स्वरूप विराजमान थे। भक्तों ने बारात पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। जगह-जगह जलपान की व्यवस्था भी की गई थी। बरगदिया घाट पर बारात के पहुंचने के बाद वहां जमकर आतिशबाजी चलाई गई। गंगा तट पर समिति अध्यक्ष सभासद अनिल तिवारी ने पत्नी के साथ भगवान शालिग्राम और तुलसी महारानी का विवाह किया। शालिग्राम व तुलसी महारानी के बने स्वरूपों ने एक दूसरे के वरमाला डाली महिलाओं ने मंगल गीत गाए। वही सबसे आगे भगवान गणेश की झांकी रही। इसके बाद भगवान कृष्ण की, गंगा मैया, खाटू श्याम, तुलसी महारानी व शालिग्राम की झांकियां रही।
गाजे बाजे के साथ धूमधाम से निकली तुलसी-शालिग्राम की बारात
