मूसेपुर व करनपुर गंगतारा के प्रधान दीमक की तरह चाट रहे मनरेगा का धन

धृतराष्ट्र की भूमिका में खंड विकास अधिकारी व एपीओ
कागजों में ही दौड़ लगा रहे मनरेगा मजदूर, महिलाओं की लग रही फर्जी हाजिरी
शमशाबाद, समृद्धि न्यूज। शमसाबाद विकास खंड की ग्राम पंचायत महमदपुर मूसेपुर में डामर रोड से मूसेपुर शिव मंदिर तक खड़ंजा के दोनों तरफ पटलों पर मिट्टी का कार्य होना दर्शाया जा रहा है। ये कार्य कागजों में ही चल रहा है। इस कार्य में 5 मस्टरोल दर्शाकर 48 मनरेगा मजदूरों की फर्जी हाजिरी प्रधान ममता देवी द्वारा मनरेगा पोर्टल पर अपलोड कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी गांव में दूसरा कार्य डामर रोड से जयशरण के खेत तक खड़ंजा मार्ग के पटलों पर मिट्टी कार्य दर्शाया जा रहा है। इस कार्य में 6 मस्ट रोल दर्शाकर 52 मजदूरों की हाजिरी मनरेगा पोर्टल पर अपलोड की जा रही है। जब मौके पर जाकर कार्य के संबंध में जानकारी की गई तो पता चला कि यह कार्य सिर्फ और सिर्फ कागजों तक ही सीमित है। सबसे मजेदार बात तो यह है कि इन दोनों कार्यों में 53 महिला मजदूरों की भी फर्जी हाजिरी मनरेगा पोर्टल पर फर्जी तरीके से अपलोड की जा रही है। जब इस संबंध में कार्य करने वाली महिलाओं से बात की गई, तो उन्होंने आश्चर्यचकित होकर कहा कि उन्हें घर के चूल्हे चौके से ही फुर्सत नहीं है तो वह मजदूरी कहां से करने जायेंगी। उन्होंने बताया कि प्रधान ममता देवी व रोजगार सेवक द्वारा फर्जीवाड़ा किया जा रहा होगा। वह कहीं भी मजदूरी करने नहीं जातीं हैं। इस संबंध में जब गांव के ग्रामीणों से वार्ता की गई, तो उन्होंने बताया कि उन्होंने आज तक किसी भी मजदूर को इस जगह काम करते हुए नहीं देखा है। वहीं इसी विकास खंड की एक अन्य ग्राम पंचायत करनपुर गंगतारा में भी ग्राम प्रधान अनवर द्वारा नहर से गुड्डू के खेत तक गूल खुदाई व सफाई का कार्य होना दर्शाया जा रहा है। इस कार्य में चार मास्टर रोल दर्शाकर 40 मनरेगा मजदूरों की फर्जी हाजिरी अपलोड की जा रही है। जब इस कार्य के संबंध में मौके पर जाकर देखा गया तो ना तो कहीं गूल की खुदाई ना ही कहीं गूल की सफाई हुई है। गूल से बराबर पानी बह रहा है। जब इस संबंध में ग्रामवासियों से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधान अनवर द्वारा फर्जीबाड़ा कर फर्जी तरीके से मनरेगा के धन का बंदरबांट कर अपनी जेबें भरने का कार्य कर रहा है। इस गांव में विकास कार्य सिर्फ कागजों में ही होकर समाप्त हो गए हैं। गांव का तो विकास नहीं हो पाया, लेकिन प्रधान अनवर ने अपना स्वयं का विकास कर लिया।

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