पर्यावरण व स्वास्थ्य दोनों के लिए घातक
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। पॉलीथीन की बिक्री पर रोक के लिए शासन प्रशासन चाहे कोई भी कदम उठा ले, लेकिन इसकी बिक्री थमने वाली नहीं है। हर दुकानदार की आदत में शुमार हो गया है पॉलिथीन में सामान देना।
गाहे बगाहे प्रशासन अभियान चलाकर पॉलीथीन व ग्लास आदि पकड़ लेता है और दुकानदार पर जुर्माना लगाकर जब्त कर लेता है। ऐसे छापों से पॉलीथीन की बिक्री पर रोक लगने वाली नहीं है। जब तक कोई इसके खिलाफ ठोस रणनीति तैयार नहीं की जायेगी। पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के लिए हमें कपड़ा, जूट, केनवास, नायलॉन और कागज के बैग का इस्तेमाल सबसे अच्छा विकल्प है, लेकिन जागरुकता के अभाव में पॉलीथीन का चलन बन्द नहीं हो पा रहा है। सब्जी से लेकर परचून दुकानदार धड़ल्ले से पॉलीथीन में ही सामान दे रहे हैं। लोगों को इसके लिए जागरुक करना होगा, तभी कुछ हो सकता है। वहीं चिकित्सकों का कहना है कि पॉलीथिन के प्रयोग से सांस और त्वचा संबंधी रोग तेजी से बढ़ते हैं। इससे लोगों में कैंसर का भी खतरा बढ़ा रहा है। स्थिति यह है कि पॉलीथिन के उपयोग के कारण लोगों पर जीवन भर रोगों का संकट मंडराता रहता है। नष्ट न होने के कारण यह भूमि की उर्वरा शक्ति को खत्म कर रही है। यदि इसे दस साल तक भी जमीन में दबाए रखा जाए यह तब भी नहीं गलती है। इसकी वजह से पर्यावरण को नुकसान होता है।
पॉलीथीन की बिक्री पर नहीं लग रही रोक
