राज्यपाल ने किया ‘स्वतंत्रता संग्राम वीथिका‘ का उद्घाटन और ‘काकोरी ट्रेन एक्शन एवं ट्रायल‘ भित्ति चित्र का अनावरण, काकोरी ट्रेन एक्शन के शहीदों को दी श्रद्धांजलि
समृद्धि न्यूज़ लखनऊ। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गुरुवार को लखनऊ जनरल पोस्ट ऑफिस में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में “स्वतंत्रता संग्राम वीथिका“ का उद्घाटन और “काकोरी ट्रेन एक्शन एवं ट्रायल“ पर आधारित भित्ति चित्र का अनावरण किया।इस आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि पहुंची राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि अपने इतिहास को संरक्षित करना हम सबकी जिम्मेदारी है, और ऐसा ही एक इतिहास जो भारत के स्वाधीनता संग्राम से जुडा है वो,है काकोरी ट्रेन एक्शन।उन्होंने कहा कि जब उन्होंने अगस्त महीने में लखनऊ जीपीओ का भ्रमण किया था, तब उन्होंने इस ऐतिहासिक स्थल के महत्व को देखते हुए,इस धरोहर को संरक्षित करने और इसे प्रेरणास्पद बनाने के लिए यहां स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित सामग्री प्रदर्शित करने के लिए कहा था।उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यहाँ पर “स्वतंत्रता संग्राम वीथिका“ और “काकोरी ट्रेन एक्शन एवं ट्रायल“ वाल पेंटिंग देखकर बहुत अच्छा लगा जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम,विशेष रूप से काकोरी ट्रेन एक्शन के वीर सेनानियों के बलिदान को समर्पित है। राज्यपाल ने इस अवसर पर क्रांतिकारियों की स्मृतियों को संजोने के इस प्रयास की सराहना की और कहा कि यह पहल न केवल हमारे स्वाधीनता संग्राम के गौरवशाली अतीत को संरक्षित करने का एक प्रयास है,बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देने का भी माध्यम बनेगी।
उन्होंने कहा कि डाक विभाग ने ऐतिहासिक महत्व की इस घटना को संजोने के लिए सराहनीय कार्य किया है।डाक टिकटों के माध्यम से इतिहास को जीवंत बनाए रखना एक परंपरा रही है, स्वतंत्रता संग्राम वीथिका के माध्यम से यह परंपरा और भी सशक्त हुई है।मुझे विशेष रूप से यह देखकर प्रसन्नता हुई कि यहाँ पर न केवल काकोरी ट्रेन एक्शन के क्रांतिकारियों की स्मृतियों को संजोया गया है,बल्कि स्वतंत्रता संग्राम के अन्य महत्वपूर्ण प्रसंगों को भी प्रदर्शित किया गया है।राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में काकोरी ट्रेन एक्शन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह घटना स्वतंत्रता संग्राम की महत्वपूर्ण कड़ी थी।उन्होंने कहा कि हमारे 17 वीर सेनानियों ने यह सोचकर कि आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए धन की आवश्यकता है, अंग्रेजों द्वारा भारत से लूटा गया पैसा ही वापस लेने की योजना बनाई।यही काकोरी कांड का उद्देश्य था।अंग्रेजों ने इस घटना में शामिल सेनानियों को फांसी और कठोर सजाएँ दीं,लेकिन उन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर भारत को स्वतंत्र कराने का मार्ग प्रशस्त किया।उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में वकीलों की भी महत्वपूर्ण भूमिका थी, जो अपने हृदय से यह मुकदमे लड़ रहे थे,क्योंकि वे जानते थे कि ये सेनानी देश की आजादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।राज्यपाल ने स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं की भूमिका को भी रेखांकित किया और कहा कि महिलाओं ने इस लड़ाई में अभूतपूर्व योगदान दिया।उन्होंने कहा कि हमारे देश की वीरांगनाओं ने भी स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।हमें उनके संघर्ष को कभी नहीं भूलना चाहिए।
राज्यपाल ने कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों को देखकर हर्ष व्यक्त किया और कहा कि इस प्रकार के आयोजन बाल मन में देशभक्ति की भावना जागृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प का उल्लेख करते हुए कहा कि देश का भविष्य इन बच्चों के हाथों में है,और वे ही इस सपने को साकार करेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण न केवल बच्चों के ज्ञान को समृद्ध करता है,बल्कि उनके अंदर राष्ट्र प्रेम और कर्तव्यनिष्ठा की भावना का भी संचार करता है,जिससे वे अपने जीवन में प्रेरित होकर देशहित में कार्य कर सकें।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के वीर सेनानियों ने भारत को स्वतंत्र कराने के लिए संघर्ष किया,लेकिन आज हमें नए मोर्चों पर लड़ाई लड़नी है।आज हमें बच्चों की शिक्षा,महिलाओं के अधिकार,देश की प्रगति और गरीबी उन्मूलन के लिए संघर्ष करना होगा।जब हम सभी मिलकर इस दिशा में कार्य करेंगे, तभी हमें सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।हमारे पास आज सभी सुविधाएँ उपलब्ध हैं, आवश्यकता केवल आगे बढ़ने और अपने इतिहास से प्रेरणा लेने की है।उन्होंने इस भवन की ऐतिहासिकता और इसमें प्रदर्शित तकनीकी नवाचारों की भी सराहना की।राज्यपाल ने लखनऊ के ऐतिहासिक योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि यह शहर स्वतंत्रता संग्राम का प्रमुख केंद्र रहा है।लखनऊ का कोना कोना आजादी की लड़ाई से जुड़ा हुआ है।हमें इस पर गर्व होना चाहिए।उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी समुदाय के योगदान को भी याद किया और कहा कि भगवान बिरसा मुंडा जैसे कई वीर आदिवासी सेनानियों ने इस संग्राम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान पर भी प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम के नेता सिर्फ आजादी की लड़ाई ही नहीं लड़ रहे थे,बल्कि सामाजिक और आर्थिक सुधारों के लिए भी कार्य कर रहे थे।
उन्होंने अमूल डेयरी का उल्लेख करते हुए कहा कि यह संस्था छोटे स्तर पर शुरू हुई थी, लेकिन हमारे दूरदर्शी नेतृत्व और मेहनतकश किसानों की बदौलत आज यह एक वैश्विक पहचान बना चुकी है।सरदार पटेल के मार्गदर्शन और त्रिभुवनदास पटेल के नेतृत्व ने पूरे देश में दुग्ध उद्योग को एक नया मार्गदर्शन दिया और भारत को दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक बनने में मदद की।सरदार पटेल का यह योगदान भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और दुग्ध उत्पादकों की समृद्धि में मील का पत्थर साबित हुआ।राज्यपाल ने कहा कि इतिहास को सहेजना और उससे सीख लेना बहुत आवश्यक है।जो लोग अपना इतिहास भूल जाते हैं,उनका व्यक्तित्व समाप्त हो जाता है।हमें अपने गौरवशाली अतीत को संजोकर रखना चाहिए और उससे प्रेरणा लेकर भविष्य की ओर बढ़ना चाहिए।उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि यह स्वतंत्रता संग्राम वीथिका आम जनमानस और विशेष रूप से युवाओं को हमारे गौरवशाली इतिहास से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम बनेगी।इस प्रकार की पहल न केवल हमारे शहीदों की स्मृति को चिरस्थायी बनाएगी,बल्कि राष्ट्रभक्ति की भावना को भी सुदृढ़ करेगी।आज का यह कार्यक्रम विशेष रूप से अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद जी के बलिदान दिवस पर आयोजित किया गया,ताकि उनके साहस और देशभक्ति को स्मरण किया जा सके।राज्यपाल ने कहा कि आजाद जी का जीवन त्याग, निडरता और स्वतंत्रता के प्रति अटूट समर्पण का प्रतीक है, जिससे युवा पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए।उनका बलिदान हमें राष्ट्रप्रेम और कर्तव्यनिष्ठा का संदेश देता है,जिसे हमें सदैव अपने आचरण में उतारना चाहिए।गौरतलब है कि वर्तमान में लखनऊ जी.पी.ओ.में संचालित “डिलीवरी हाल” में कभी काकोरी ट्रेन एक्शन मामले की सुनवाई हुई थी। 09 अगस्त 1925 को सहारनपुर लखनऊ पैसेंजर ट्रेन जैसे ही काकोरी से बढ़ी,हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सदस्य राजेंद्र नाथ लाहिड़ी ने चौन खींचकर ट्रेन रोक दी और फिर पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में अशफाक उल्लाह खान, चन्द्र शेखर आज़ाद और अन्य सदस्यों ने स्वाधीनता संग्राम को जारी रखने के लिए धन जुटाने के उद्देश्य से ट्रेन में लोड अंग्रेजी हुकूमत का खजाना लूट लिया। फिर उसके बाद अंग्रेजी सरकार ने काकोरी ट्रेन एक्शन में शामिल क्रांतिकारियों को गिरफ्तार कर लिया।दिसम्बर 1925 से लेकर अगस्त 1927 तक लखनऊ के रोशनुद्दौला कचेहरी और फिर तत्कालीन रिंक थिएटर में, वर्तमान लखनऊ जी.पी.ओ. तथा चीफ कोर्ट ऑफ़ अवध में काकोरी ट्रेन एक्शन में शामिल क्रांतिकारियों पर मुकदमा चलाया गया था।उत्तर प्रदेश डाक परिमंडल के चीफ पोस्ट मास्टर जनरल प्रणव कुमार ने आयोजन में उपस्थित राज्यपाल श्रीमती पटेल के प्रति ह्रदय से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि डाक विभाग हमेशा से अपनी सेवाओं के साथ ऐतिहासिक महत्व की घटनाओं,इमारतों,शिक्षा और शोध,वन्य जीवों व वनस्पतियों, खेल कूद,खिलाडी,वैज्ञानिकों, कलाकारों,साहित्यकारों, राजनेताओं और स्वतंत्रता संग्राम के महानायकों आदि पर डाक टिकट जारी करता रहा है। इतिहास को संरक्षित करने का यह एक अलग और रोचक एप्रोच है।उन्होंने बताया कि राज्यपाल श्रीमती पटेल ने मुझे इसके ऐतिहासिक महत्व को जनता और भावी पीढ़ियों तक पहुँचाने के लिए एक विशेष मॉडल पर कार्य करने का सुझाव दिया था।फलस्वरूप फिलेटली म्यूजियम में काकोरी ट्रेन एक्शन और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों से सम्बंधित डाक टिकटों के प्रदर्शन हेतु एक विशेष “स्वतंत्रता संग्राम वीथिका” का निर्माण किया गया है,और साथ ही काकोरी ट्रेन एक्शन के दृश्यों को, उसके मुकदमें की सुनवायी वाले वर्तमान डिलीवरी हाल में भित्ति चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया है।उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम वीथिका की स्थापना के लिए उत्तर प्रदेश डाक परिमंडल के चीफ पोस्ट मास्टर जनरल श्री प्रणव कुमार,लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के पोस्ट मास्टर जनरल सुनील कुमार राय,निदेशक डाक सेवाएँ डॉ. आनंद कुमार सिंह तथा डाक विभाग की पूरी टीम को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि आप सभी ने इतिहास को संरक्षित करने के साथ साथ इसे नई पीढ़ी के लिए रोचक और प्रेरणादायी बनाने का जो प्रयास किया है, वह अत्यंत प्रशंसनीय है।लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के पोस्ट मास्टर जनरल सुनील कुमार राय ने राज्यपाल श्रीमती पटेल को धन्यवाद करते हुए कहा कि यह आर्ट गैलरी लखनऊ जी.पी.ओ. से जुड़े काकोरी ट्रेन एक्शन के इतिहास को रोचक और कलात्मक ढंग से दर्शाने का प्रयास है,जिससे जी.पी.ओ. आने वाले आगंतुक इसे जीवंतता के साथ देख और समझ सके। इसको तैयार करने में हमने बहुत छोटी छोटी बातों का ध्यान रखा है,इतिहासकारों को पढ़ा है और साथ ही स्थानीय कलाकारों और नामचीन फिलेटलिस्ट्स का भी सहयोग लिया है।उन्होंने बताया कि आज से यह आर्ट गैलरी आम जनमानस के लिए सभी कार्य दिवसों में सुलभ रहेगी।इस अवसर पर लखनऊ जी.पी.ओ. के चीफ पोस्टमास्टर सुशील कुमार तिवारी,डिप्टी चीफ पोस्टमास्टर राजेश कुमार और किरन सिंह,स्कूली बच्चे डाक विभाग के अधिकारी और कर्मचारी सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
(अमिताभ श्रीवास्तव)